Rajasthan News: राजस्थान के कोटा (Kota) में जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी के निर्देश पर शहर के 84 कार्यालयों में बुधवार (31 जनवरी) को औचक निरीक्षण किया गया. अधिकारी समय पर निरीक्षण करने कार्यलयों में पहुंचे, तो सम्बंधित कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. ऑफिस में जो अधिकारी लेट से पहुंचे, उनके पसीने छूट गए. कई जगह रजिस्टर को जब्त किया गया, तो कई जगह देर से आने का कारण पूछा गया.


जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी के निर्देश पर जिले के राजकीय कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति जांचने के लिए नियुक्त अधिकारियों द्वारा विभिन्न कार्यालयों में पहुंचकर औचक निरीक्षण किया गया. इन अधिकारियों ने जितने भी कार्यालयों में निरीक्षण किया, वहां 504 अधिकारी, कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. इस निरीक्षण के बाद जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने निर्देश दिए हैं कि कार्यालयों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए वरना भविष्य में ऐसा पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.


105 अधिकारी और 399 कर्मचारी अनुपस्थित 
अतिरिक्त कलेक्टर प्रशासन भगवत सिंह राठौड़ ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर 14 अधिकारियों को कार्यालयों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे. सभी उपखंड अधिकारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में निरीक्षण किए. इन अधिकारियों ने 84 कार्यालयों में निरीक्षण कर 122 उपस्थिति रजिस्टर जब्त किए. अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन भगवत सिंह राठौड़ ने बताया कि अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम के आगे क्रॉस बनाया गया है. उपस्थिति रजिस्टर को अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय में ले जाकर जांचा गया, तो अनुपस्थित मिले अधिकारियों की संख्या 105 और कर्मचारियों की संख्या 399 रही.


इन विभागों में किया गया निरीक्षण
उन्होंने बताया कि सहायक अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, सार्वजनिक निर्माण विभाग कैथून के कार्यालयों में सुबह 9:40 बजे के बाद तक ताले लगे मिले. अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (समसा) कोटा, देवस्थान विभाग और जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मंडाना के कार्यालयों में सभी गैर हाजिर पाए गए. जिला परिषद कोटा में वाटर शेड का रजिस्टर उपलब्ध नहीं हुआ. मुख्य आयोजना अधिकारी के सांख्यिकी प्रकोष्ठ में प्रतिनियुक्त सभी चार कार्मिक अनुपस्थित मिले. शिक्षा, चिकित्सा, जिला परिषद, नगर निगम, नगर विकास न्यास, पंचायत समिति लाडपुरा, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बाल विकास परियोजना अधिकारी आदि कार्यालयों में अधिक संख्या में अधिकारी, कर्मचारी अनुपस्थित मिले. बुधवार शाम तक इस आदेश के बाद कर्मचारी और अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था. 



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