Jodhpur Surya Mandir News: राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर का प्राचीन समय से सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यह शहर सूर्य नगरी के नाम से देश दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है. जोधपुर शहर में भगवान सूर्यदेव के एक अनूठे मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस मंदिर निर्माण कार्य को नींव 13 साल पहले दो कारीगरों ने रखी थी. सूर्य नगरी जोधपुर में बना रहे. भगवान सूर्यदेव मंदिर को लेकर दावा किया जा रहा है कि पूरे विश्व में भगवान सूर्यदेव का यह पहला मंदिर होगा. जहां पर भगवान सूर्यदेव सात घोड़े पर सवार होंगे. ऐसी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. मंदिर संस्था का दावा है कि इस भव्य पंचदेव सूर्य मंदिर में भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा का सूर्य की किरणें सीधे प्रतिमा पर गिरेगी जिससे सूर्यदेव का तेज बढ़ेगा.
पंचदेव सूर्य मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल सांखला ने बताया कि 21 साल पहले जब वो यहां पर अपने साथियों के साथ बैठे थे तो उनके मन में ख्याल आया कि अपने जोधपुर शहर का नाम सूर्य नगरी है. लेकिन यहां भगवान सूर्य का कोई बड़ा मंदिर नहीं है. भंवरलाल सांखला ने बताया कि 2002 में एक समिति बनाई गई और पाल गांव की डाली बाई मंदिर चौराहे के पास यूआईटी से जमीन मांगी गई. इस पर 2008 में यूआईटी की ओर से करीब 3.5 बीघा जमीन अलॉट की गई. जमीन मिलने के बाद सबसे पहली चुनौती थी कि इसके लिए फंड कैसे जुटाया जाए. मंदिर बनाने की शुरुआत के लिए पहले स्थानीय लोगों के साथ मिलकर फंड जुटाना की शुरुआत की गई. 25 नवंबर 2010 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि तभी से मंदिर का कार्य चल रहा है. हालांकि कोरोना के समय 2 साल तक निर्माण कार्य बंद रहा था. पंचदेव सूर्यदेव का मंदिर का काम 80% तक पूरा हो चुका है. बताया जा रहा है कि 2026 से 27 तक इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
प्रदेश में इतना बड़ा सूर्य मंदिर कोई नहीं है
सूर्य मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर और प्रतिमा का डिजाइन पाली के मुंडावर गांव के रहने वाले कैलाश सोमपुरा ने तैयार किया है. सोमपुरा परिवार ने रणकपुर मंदिर का निर्माण करवाया था. वहां पर भी सूर्य मंदिर है लेकिन प्रदेश में इतना बड़ा सूर्य मंदिर कोई नहीं है. इसका निर्माण नागर शैली से किया जा रहा है. मंदिर में भगवान सूर्यदेव सात घोड़े पर सवार है. ऐसी प्रतिमा बनाई गई है. जो की साढ़े 4 फीट ऊंची स्थापित की जाएगी. इसके साथ मंदिर में मां भगवती, भगवान विष्णु भगवान शंकर परिवार, गणेश भगवान की मूर्ति भी स्थापित होगी. मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शनि और हनुमान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
सुबह शाम भगवान की विशेष पूजा की जाएगी
मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब भगवान सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. उस दौरान जोधपुर के पंचदेव सूर्य मंदिर में स्थापित होने वाली है. सूर्य भगवान की प्रतिमा पर सूर्यदेव की सीधी किरणें अभिषेक करेगी. जिससे भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा सौंदर्य निखरेगी. इसी हिसाब से मंदिर के दरवाजे और उसकी ऊंचाई का डिजाइन किया गया है. सुबह 8:00 बजे के करीब मंगला आरती के समय सूर्य की किरणें मंदिर पर पड़ेगी. ऐसे पूरे महीने तक होगा. मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह शाम भगवान की विशेष पूजा की जाएगी. भगवान सूर्य की उपासना से हर कार्य सिद्धि मिलती है.
मंदिर के निर्माण के लिए बनाए गए है 44 पिलर
जोधपुर के डाली बाई चौराहे पर बना रहे. पंचदेव सूर्य मंदिर के निर्माण के लिए जोधपुरी राजगढ़ खान का पत्थर और मकराना का मार्बल काम में लिया जा रहा है. अभी तक 11000 घन फुट मार्बल 45000 धन फीट जोधपुरी सुनहरे पत्थर लग चुका है. इस मंदिर के निर्माण
के लिए 44 पिलर बनाए गए हैं. यह पिलर भी नागर शैली से बने हैं. गुंबद मकराना के पत्थरों से तैयार किया गया है. जिसकी चौड़ाई 26 फीट और 12 फिट है. साथ ही अंदर खूबसूरत कलात्मक घढ़ाई से खूबसूरत मनमोहक लगता है.
आम आदमी से ले रहे हैं सहयोग
मंदिर के पुजारी देवीलाल गौड़ ने बताया कि भगवान सूर्य की किरणें हर इंसान पर पड़ती है. भगवान सूर्यदेव का पुरानी धार्मिक कथाओं में भी गुणगान किया गया है कि उनके आशीर्वाद से सभी काम सफल हो जाते हैं. ऐसे में हम जोधपुर सहित देश के हर आम आदमी से इस मंदिर के लिए सहयोग ले रहे हैं. हम चाहते हैं कि कोई भी श्रद्धालु अपनी और से एक-एक रुपए का सहयोग करेंगे. तो हम उसको स्वीकार करेंगे.
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