TB Treatment in One Tablet:  टीबी (TB) बीमारी रोगी को शारीरिक के साथ मानसिक परेशानी देती है. टीबी मरीजों को हर रोज भूखे पेट 6 टैबलेट (Tablet) लेना होता है. लेकिन इन सभी परेशानियों से राजस्थान में रहने वाले टीबी रोगियों को छुटकारा मिलने वाला है. अब उन्हें हर रोज 6 गोलियों तक की डोज की जगह सिर्फ हफ्ते में एक गोली लेनी होगी. केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही राजस्थान में टीबी मरीजों के लिए (3 एचबी रेजिम) टेबलेट का कोर्स शुरू होगा. इसमें आइसोनाइजिन व रिफापेंटीन साल्ट बाली टेबलेट सप्ताह में एक ही बार लेनी होगी.


इलाज का समय भी कम और साइडइफेक्ट भी नहीं
टीबी रोगियों के इलाज में 6 माह तक लग जाते है लेकिन अब जो टेबलेट आई है उससे समय घटकर आधा यानी 3 माह रह जाएगा. यहीं नहीं किडनी औऱ लीवर पर पड़ने वाले साइड इफेक्ट भी कम होंगे. अब मरीजों की मुश्किलें आधी हो जाएंगी. 


केवल सरकारी डिस्पेंसरी पर मिलेगी टैबलेट
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष सिंघल ने बताया कि टीबी को लेकर नई खोज के साथ इलाज के तरीके बदल रहे हैं. नई दवाओं का प्रयोग दूसरी जगहों पर सफल रहा है. इसलिए इन दवाओं का उपयोग यहां भी करेंगे. एनटीपीई से आदेश मिलते ही उदयपुर के नए टीबी मरीजों को यह कोर्स देना शुरू करेंगे. इसमें आइसोनाइजिन और रिफापेंटीन साल्ट वाली टेबलेट सप्ताह में एक ही बार लेनी होगी.


यह दवाई केवल सरकारी डिस्पेंसरी पर मिलेगी. इस रोग के प्रथम स्तर ड्रग सेंसेटिव मरीजों को रोज लगने वाले केनामाइसिन इंजेक्शन पहले ही बंद किए जा चुके हैं. जबकि दूसरे स्तर ड्रग रेजिस्टेंस पेशेंट को भी ये इंजेक्शन इसी साल मार्च से नहीं लगा रहे.


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