Rajasthan में एक पांडाल में जमा हुईं 12 हजार महिलाएं, मंत्री रमेश मीणा से किया खास संवाद
उदयपुर में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में एक ही पांडाल के नीचे 12 हजार महिलाएं इकट्ठा हुईं. उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा से संवाद किया.
Udaipur News: केंद्र हो या राज्य सरकार, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार किसी ना किसी प्रकार की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. राजस्थान में उदयपुर की बात करें तो यहां महिलाओं का हुजूम एक पांडाल में उमड़ा और उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा से संवाद किया.
दरअसल कार्यक्रम राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) की तरफ से किया गया, जिसमें जिले भर से 12000 महिलाएं शामिल हुई. तपती गर्मी में भी महिलाएं 3 घंटे तक पांडाल में उपस्थित रहीं. यहां महिलाओं को मंत्री, जनप्रतिनिधि सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने संबोधित किया.
उदयपुर में ढाई लाख के करीब महिलाएं समूह से जुड़ी
मंत्री रमेश मीणा ने बताया कि आज हमने राजीविका के माध्यम से जो काम किया है वह काफी सुखद है. उदयपुर में 2 लाख 46 हजार महिलाएं 20 हजार समूह में जुड़ी हुई है. यह उदयपुर जिले में आत्मनिर्भरता का एक बड़ा उदाहरण है. हम चाहते हैं कि सरकार के माध्यम से जो फंड दिया जा रहा है उससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति कैसे अच्छी हो. विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है कि गरीब महिला तक हम कैसे पहुंचे और उनकी आर्थिक स्थिति को कैसे मजबूत करें. इसके साथ-साथ और भी सरकार की जो योजना है उसे घर-घर कीमहिलाओं तक कैसे पहुंचाया जाए, यह देखा जा रहा है.
2010 में सीएम गहलोत ने किया था उद्घाटन
उन्होंने आगे बताया कि राजीविका की वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी के जरिए उद्घाटन किया था और वर्ष 2012-13 में उदयपुर में शुरुआत हुई, जिसमें हजारों महिलाएं राजीविका से जुड़ी हैं. आज खुशी हो रही है की राजीविका कर माध्यम से जुड़ी महिलाओं से संवाद किया तो कोई एक माह में 20,000 कमा रही हैं, तो कोई 15 हजार रुपए. अधिकारियों से कहा है कि प्रत्येक महिलाओं को लोन मिले, सभी का काम अच्छा हो और हमारी महिलाएं कम से कम 10000 रुपए हर माह कमाएं.
महिलाओं को ऐसे मिलती है मदद
राजीविका द्वारा उदयपुर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM ) परियोजना का संचालन किया जा रहा है. जिसके तहत नए समूहों का निर्माण कर रिवोल्विंग फंड (RF), कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (CIF) उपलब्ध करवाकर बैंकों से क्रेडिट लिंकेज करवाया जाता है. इसके अलावा कुशल समूह संचालन, उपलब्ध संसाधनों के सहयोग से स्वयं व समूह का विकास और उच्च स्तर पर स्वयं का संगठन व संस्थान निर्माण हेतु उचित प्रशिक्षण दिया जाता है.
20 हजार से ज्यादा समूहों को मिली बैंक क्रेडिट लिंकेज की सुविधा
परियोजना के सहयोग से अब तक उदयपुर जिले में 20203 स्वयं सहायता समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज करवाया जा चुका है. परियोजना द्वारा प्रदत्त आजीविका लोन को समूह की महिलाओं ने स्वयं के हुनर जरूरत के अनुसार आजीविका लोन का उपयोग कृषि कार्य, पशुधन (गाय, भैंस, बकरी एवं मुर्गी पालन) किराना दुकान, कपड़े की दुकान, सिलाई की दुकान जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में लोन राशि का उपयोग कर लगातार आजीविका में वृद्धि जी रही है.