यात्रियों के अभाव में बंद हुईं थी राजस्थान रोडवेज की बसें, जानें अब अयोध्या के लिए कब से होगी शुरुआत?
Rajasthan To Ayodhya Bus: राजस्थान सरकार ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बसें शुरू की थीं, यात्रियों की कमी के कारण घाटा होने पर बसों का संचालन बंद हो गई थी.
Rajasthan Roadways Buses News: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के 7 संभागों से रामलला के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राजस्थान रोडवेज की बसें शुरू की गई थी. लेकिन बसों को यात्री भाड़ा नहीं मिलने से राजस्थान रोडवेज विभाग को घाटा होने पर बसों के संचालन को बंद कर दिया है. अब राजस्थान से रामलला के दर्शनकरने के लिए एकमात्र ट्रेन से ही जाना पड़ेगा.
22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राणप्रतिष्ठा होने के बाद भारी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए जाने लगे. रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो राज्य सरकार ने प्रदेश के 7 संभाग मुख्यालय भरतपुर ,जयपुर ,अजमेर ,उदयपुर ,कोटा ,जोधपुर और बीकानेर से राजस्थान रोडवेज की बसें अयोध्या के लिए शुरू की. लेकिन राजस्थान रोडवेज की बसों को पर्याप्त यात्री भाड़ा नहीं मिलने के कारण राजस्थान रोडवेज को राजस्व घाटा होने लगा.
सप्ताह में एक दिन शुरू कर दिया बसों का संचालन
राजस्व घाटे को देखते हुए कुछ दिन के बाद राजस्थान रोडवेज विभाग ने सातों संभाग मुख्यालय से सप्ताह में एक दिन बसों का संचालन करना शुरू कर दिया. राजस्थान रोडवेज ने सभी बसों का सञ्चालन यमुना एक्सप्रेक्स वे से शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी यात्री भाड़ा नहीं बढ़ा तो 26 मई को बस का अंतिम संचालन करने के बाद बसों को बंद कर दिया गया है.
श्रद्धालुओं को करना पड़ेगा रेशानी का सामना
राजस्थान रोडवेज के सभी मुख्य प्रबंधकों का कहना है की जब बाएं शुरू की गई थी तो यात्री भार अच्छा मिल रहा ,था लेकिन अयोध्या के लिए यात्री भार लगातार गिरता गया और यात्री भार काम होने और अयोध्या के लिए अस्थाई परमिट से गाड़ी चलाने से लगातार राजस्व का घाटा हो रहा था, लेकिन अब रेलवे में रिजर्वेशन नहीं मिलने से अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
क्या कहना है मुख्य प्रबंधक का
भरतपुर के मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह का कहना है कि भरतपुर डिपो की बस 26 मई को अंतिम बार अयोध्या के लिए गई थी. बस को एक फेरे की 46 हजार रुपये की आय हुई थी, जबकि उसकी आय 66 हजार होनी चाहिए थी. 20 हजार का राजस्व का घाटा हुआ था, इसके बाद प्रबंधक ने निर्णय कर राजस्थान के सभी डिपो से अयोध्या के लिए बसों का संचालन बंद कर दिया. अब अयोध्या जाने के लिए एकमात्र ट्रेन का ही साधन है.
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