Rajasthan Tps in NFHS Survey: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के डेटा में सामने आया है कि 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं के एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर हैं. वे इस मामले में पुरुषों से आगे हैं लेकिन पूरे देश में पुरुषों का आंकड़ा कहीं आगे है. सर्वे में पाया गया कि देश में 4 फीसदी पुरुष ऐसे हैं जिनके ऐसी महिलाओं से संबंध थे जो ना तो उनकी पत्नी हैं और ना ही उनके साथ रहती हैं. वहीं ऐसी महिलाओं की संख्या 0.5 फीसदी ही है.


इन राज्यों में सर्वे हुए


यह सर्वे 1.1 लाख महिलाओं और 1 लाख पुरुषों पर किया गया था. इससे पता चला है कि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के औसतन सेक्स पार्टनर की संख्या ज्यादा है. सर्वे के मुताबिक जिन प्रदेशों में महिलाओं के एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर हैं, वे राज्य हैं- राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, असम, केरल, लक्षद्वीप, पुडुचेरी और तमिलनाडु. NFHS ने यह सर्वे 2019-2021 के बीच किया. इसमें देश के 707 जिलों को शामिल किया गया. भारत सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय यह सर्वे कराता है.


राजस्थान लिस्ट में टॉप पर


राजस्थान में ऐसी महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है जिनके एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर हैं. ऐसी महिलाओं के औसत 3.1 फीसदी सेक्स पार्टनर हैं जबकि एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर वाले पुरुषों का औसत 1.8 फीसदी है. 2019 से 2021 के दौरान किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 देश के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों का सर्वेक्षण किया गया था. इसकी रिपोर्ट सामाजिक-आर्थिक और अन्य पृष्ठभूमि विशेषताओं, नीति निर्माण और प्रभावी कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए उपयोगी डेटा भी प्रदान करती है.


ग्रामीण महिलाओं के सेक्स पार्टनर ज्यादा


NFHS के आंकड़ों के अनुसार शहरी महिलाओं के सेक्स पार्टनर (1.5 फीसदी) पाए गए जबकि ग्रामीण महिलाएं इस मामले में आगे पाई गई. उनके अपने जीवनकाल में औसतन 1.8 से अधिक सेक्स पार्टनर थे. ग्रामीण इलाकों में पुरुषों के भी सेक्स पार्टनर करीब इतने ही पाए गए.


सर्वे के अनुसार दिल्ली में महिलाओं के औसत 1.1 फीसदी सेक्स पार्टनर हैं. मध्य प्रदेश में यह संख्या 2.5 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 2.2 फीसदी, तमिलनाडु में 2.4 फीसदी, असम में 2.1 फीसदी और हरियाणा में 1.8 फीसदी सेक्स पार्टनर रखती हैं.


इस तरह के सेक्स के दौरान उच्च जोखिम वाले संभोग और कंडोम के उपयोग की व्यापकता को मापने के लिए मुख्य रूप से सर्वेक्षण किया गया था. क्योंकि कम कंडोम का उपयोग आम तौर पर लोगों को एचआईवी एड्स के जोखिम में डाल सकता है.


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