Udaipur News: झीलों की नगरी उदयपुर एक और नया आयाम स्थापित करने जा रहा है. पर्यटकों को जंगल एडवेंचर का लुत्फ दिलाने के लिए पैंथर सफारी की तैयार हो रही है. पैंथर सफारी उदयपुर शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर जयसमंद अभ्यारण्य में बन रही है. पैंथर सफारी जनवरी में शुरू हो सकती है. जयसमंद में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील भी है. पर्यटक झील में बोटिंग के साथ पैंथर सफारी का भी लुत्फ उठा पाएंगे. राजस्थान के झालाना, आमा और जवाई में अभी 3 जगहों पर पैंथर सफारी कराई जाती है.
जल्द शुरू होने जा रही है पैंथर सफारी
उदयपुर में चौथी पैंथर सफारी शुरू होने से पर्यटकों के लिए नया एडवेंचर होगा. जयसमंद में काफी पैंथर और घना जंगल है. जयसमंद की पैंथर सफारी 5200 हैक्टेयर में बन रही है. टूरिस्ट के लिए पैंथर सफारी का ट्रैक 14 किलोमीटर लंबा तैयार किया जा रहा है. ट्रैक पैंथर के ज्यादा मूवमेंट वाली जगहों से गुजर रहा है. यानी टूरिस्टों को सफारी के दौरान पैंथर लाइव दिखेंगे. जयसमंद अभयारण्य में पिलादर तालाब पर प्रवासी और अप्रवासी पक्षी काफी संख्या में आते हैं. वन विभाग की तरफ से बर्ड वाचिंग प्वाइंट तैयार किया गया है. पैंथर सफारी का ट्रैक ढीमड़ा फाटक से नांदवी, पिलादर तालाब होते हुए पल्ल पलोदड़ा तक होगा. जयसमंद अभयारण्य में पहली बार चौसिंगा भी लाया जा रहा है.
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पर्यटकों के लिए होगा नया डेस्टिनेशन
वन्यजीवों की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और पानी पीने के लिए पिलादर तालाब, झामूड़ा तालाब, जयसमंद झील, बराव तालाब सहित झूमर बावड़ी वाटर होल, सल्लाड़िया कोट कुई वाटर होल हैं. अभ्यारण्य के एरिया में 16 फीट ऊंचे एनक्लोजर लगाए जा रहे हैं और ग्रास लैंड भी तैयार किया जा रहा है. तालाब पर प्रवासी पक्षियों की नेस्टिंग और ब्रीडिंग के संकेत भी मिले हैं. जयसमंद अभ्यारण्य पैंथर के लिए पहचान जाता है. पिछले वन्यजीव गणना के अनुसार करीब 20 पैंथर, 70 चीतल, 20 सांभर, 15 चिंकारा, भालू 1, नीलगाय 250, खरगोश 400 सहित सई, जरख और अन्य वन्य जीव हैं. डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि पैंथर सफारी का काम चल रहा है. पैंथर सफारी शुरू होने से पर्यटकों के लिए नया डेस्टिनेशन होगा.