Rajasthan News: राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारें लगातार काम कर रही हैं. देश स्तर पर कई विज्ञापन भी टीवी पर देखने को मिलते हैं. लेकिन, यह सब केवल देसी पर्यटकों (Tourists) को अपनी और आकर्षित करने के लिए होते हैं. लेकिन, इंटरनेशनल स्तर (International Level) पर किस प्रकार से काम किया जाए कि पर्यटक राज्य को पहचानने और घूमने के लिए आएं. इसके लिए एक प्लेटफार्म है, इंटरनेशनल टूरिज्म बोर्स, जोकि जर्मनी में संचालित होता है.
जर्मनी में सात से नौ मार्च तक हुआ कार्यक्रम
जर्मनी में पिछले सात से नौ मार्च तक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमेंं 180 देशों के साथ-साथ भारत से राजस्थान के अधिकारी भी पहुंचे. अधिकारियों ने वहां पर राजस्थान की हर वह चीज बताई, जिससे वहां आए प्रतिनिधि आकर्षित हुए. आइए जानते हैं क्या है इंटरनेशनल टूरिस्म बोर्स और राजस्थान से गए अधिकारियों ने वहां किस तरह से प्रेजेंटेशन दिया.
जानिए, यह है इंटरनेशनल टूरिस्म बोर्स
उदयपुर पर्यटन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर शिखा सक्सेना ने बताया कि इंटरनेशनल टूरिज्म बोर्स एक तरह से टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्लेटफार्म है. इसमें अलग-अलग देशों से मीडिया, टूर ऑपरेटर, ब्लॉगर, राइटर, गवर्नमेंट ऑफिसर सहित कई व्यक्ति आते हैं. वह वहां पर अपने देश या राज्य के बारे में प्रेजेंटेशन देते हैं. वे बताते हैं कि उनके राज्य में टूरिज्म के लिए क्या-क्या है.
इसके अलावा बड़ी-बड़ी ब्लॉगर, टूर ऑपरेटर, मीडिया कंपनियों के सीईओ से वन टू वन इंटरेक्शन होता है. क्योंकि जैसे कोई पोलैंड या ऑस्ट्रेलिया में टूर ऑपरेटर है, जिसका वर्ल्ड वाइड बिजनेस है. अब वह अपने कस्टमर के लिए कोई टूर प्लान करता है तो उसके लिए वह जगह सेलेक्ट करता है. ऐसे में अगर हम हमारे राज्य के बारे में उनको बताएं तो वह इस तरफ भी टूर प्लान करेंगे, जिससे हमारा टूरिज्म बढ़ेगा.
"ऐसा राजस्थान हमने नहीं देखा," अब यूरोप टारगेट
डिप्टी डायरेक्टर शिखा सक्सेना ने बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान का प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें यहां की झीलें, बड़े बांध, लेपर्ड सफारी, एडवेंचर, शाही घराने, बड़े-बड़े महल, यहां का आर्ट एंड क्राफ्ट, हैंडीक्राफ्ट बाजार, नाइट टूरिज्म आदि के बारे में बताया. दरअसल वहां आए लोगों के मन में राजस्थान का मतलब था रेगिस्तान. उन्होंने जब प्रेजेंटेशन में यह सब कुछ देखा तो वहां चौक गए.
इसलिए कुछ ने तो मार्च माह में ही होने वाले मेवाड़ फेस्टिवल में आने के लिए हामी भरी है. राजस्थान या उदयपुर की बात करें तो हमारे यहां फ्रांस और जर्मनी से टूरिस्ट ज्यादा आते रहे हैं, लेकिन यूरोप से काफी कम है. इसलिए इस प्लेटफार्म के जरिए यूरोप को भी टारगेट किया गया है.
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