Rajasthan Tourism: राजस्थान जहां टूरिस्ट की भरमार रहती है. उदयपुर, जयपुर हो या जोधपुर, सभी जगह लाखों की संख्या में पर्यटन पहुंचते हैं. यहां पर्यटकों के लिए कई प्रकार के फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है लेकिन गर्मियां आते ही राजस्थान में पर्यटकों का ऑफ सीजन शुरू हो जाता है. यहां का बढ़ता तापमान पर्यटकों में कमी की प्रमुख वजह है.


पर्यटकों की कमी के चलते राजस्थान में वैसे तो गर्मियों में सभी फेस्टिवल और कार्यक्रम लगभग बंद ही रहते हैं लेकिन प्रदेश में 1722 मीटर की ऊंचाई पर एक ऐसा शहर भी है जहां गर्मियों में भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं यहीं नहीं, यहां पर्यटन विभाग की ओर से समर फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है. यह शहर है राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू, जो सिरोही जिले में आता है और गुजरात राज्य की सीमा के नजदीक है. 


हर साल होता है तीन दिन के समर फेस्टिवल का आयोजन
इस शहर में पर्यटन विभाग की तरफ से हर साल तीन दिन के समर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. यह फेस्टिवल जून माह में बुद्ध पूर्णिमा के दिन से शुरू होता है और तीन दिन तक चलता है. पर्यटन विभाग की तरफ से यहां देशभर से अलग-अलग कलाकार बुलाए जाते हैं. यहीं नहीं फेस्टिवल में हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं.


माउंट आबू का तापमान अन्य जगहों की तुलना में कम होता है इसलिए यहां गर्मियों में फेस्टिवल होता है. इधर, उदयपुर पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना, जिनके पास सिरोही जिले का भी चार्ज है, उन्होंने बताया कि जून में समर फेस्टिवल होता है जिसे देखने के लिए देशभर से लोग आते हैं. उन्होंने कहा कि जहां राजस्थान में गर्मियों में पर्यटक सर्दियों की तुलना में बहुत कम हो जाता है वहीं दूसरी तरफ माउंट आबू में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. 


आबू में गर्मियों में होते हैं ये फेस्टिवल
राजस्थान की धरती जब तेज गर्मी से तपती है तो माउंट आबू का हिल स्टेशन ही राहत देता है, उसी समय यहां 3 दिवसीय ग्रीष्म उत्सव मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन से शुरू होकर यह उत्सव तीन दिन तक चलता है. इस फेस्टिवल में राजस्थानी संस्कृति को बयां करने वाले गीत, मंत्रमुग्ध करने वाले गैर, घूमर, डफ आदि लोकनृत्य भी प्रदर्शित किए जाते हैं.


फेस्टिवल में शामे-क़व्वाली का गायन सर्वाधिक पसन्द किया जाता है जिसमें भारत के विभिन्न भागों के लोक कलाकार भाग लेते हैं. लोक संस्कृति के प्रदर्शन के साथ ही यहां घुड़दौड़, रस्साकशी, सी.आर.पी.एफ. द्वारा बैण्ड वादन, तथा नक्की लेक में नावों की दौड़ का भी आनन्द लिया जा सकता है. चकाचौंध कर देने वाली आतिशबाजी, माउंट आबू के परिदृश्य और झीलों व पहाड़ियों का सौन्दर्य इस समारोह को यादगार बना देता है. 


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