Udaipur Toy Train: झीलों की नगरी उदयपुर (Udaipur) ने पर्यटन के क्षेत्र में आज एक और नया आयाम स्थापित किया. आज (12 जून) उदयपुर से महाराणा प्रताप एक्सप्रेस ट्रेन (Maharana Pratap Express Train) की शुरुआत हो चुकी है. पर्यटक मात्र 25 से 50 रुपए में जंगल की सैर कर पाएंगे. यह ट्रेन उदयपुर के ऑक्सीजन हब कहे जाने वाले गुलाब बाग में शुरू हुई है. दोपहर साढ़े तीन बजे पूरे विधि विधान से ट्रेन की पूजा- अर्चना के बाद हवन शुरू हुआ. शाम 6 बजे से बुकिंग काउंटर खोल दिया गया. अब पर्यटक ट्रेन में बैठकर विशाल गुलाब बाग की सैर कर पाएंगे. 


उदयपुर नगर निगम के गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि पहले इसी जगह अरावली एक्प्रेस ट्रेन चला करती थी. ये ट्रेन कई साल पुरानी होने के कारण अक्सर हादसे हो रहे थे. ये बार- बार पलट रही थी, जिससे बच्चे घायल भी हुए. यही वजह है कि 7 साल पहले उस ट्रैन को बंद कर दिया. मनोहर चौधरी ने नई ट्रेन के बारे में बताया कि मैंने सोचा क्यों न इसी जगह नए सिरे से ट्रेन चलाई जाए. साढ़े तीन साल पहले प्रोजेक्ट शुरू किया. जो अभी नई ट्रेन बनकर आई है और आज शुरुआत की. इससे पहले इसके कई ट्रायल लिए गए फिर शुरुआत की गई. यह ट्रेन मुम्बई में बनी है और इसका नाम अरावली नहीं बल्कि महाराणा प्रताप एक्सप्रेस ट्रेन रखा है. इसके लिए पुराने ट्रैक थे उन्हें पूरा हटाया गया और नए ट्रैक बिछाए गए हैं.


2 डिब्बों में 150 पर्यटक कर सकेंगे सफर


प्रोजेक्ट मैनेजर अनिरुद्ध सिंह नाथावत ने बताया कि 4 साल पहले ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था. तकनीकी, बाहरी कठिनाइयां आई और फिर कोरोना आ गया. इस कठिनाईयों से पार पाते हुए इस विशेष प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी गई है. उन्होंने बताया कि यह ट्रेन ना डीजल और ना पेट्रोल से चलेगी. यब सीएनजी से चलेगी को इंवॉरमेंट फ्रेंडली है. इसमें दो डिब्बे हैं और पूरे खुले हैं. ये ट्रेन 150 यात्रियों को लेकर चलेगी. टिकट की बात करे तो 3- 12 साल तक के बच्चों का 25 रुपए टिकट रहेगा, वहीं 50 रुपए एडल्ट का रहेगा. इसी प्रकार विदेशी पर्यटकों से 100 और 200 रुपए चार्ज लिया जाएगा, इसमें जीएसटी जोड़ी जाएगी. 


इन जगहों की ट्रेन से कर सकेंगे सैर


ट्रेन का करीब सवा किलोमीटर का ट्रैक है, जिसको पूरा करने में करीब 30 मिनट लगेंगे. इसके बीच में ऐतिहासिक कमल तलाई मिलेगी जहां उतरकर आप बोटिंग कर पाएंगे. इसके बाद प्रदेश का सबसे बड़ा बर्ड पार्क देख पाएंगे. अमरूद की बाड़ी भी आएगी. ऐसे पेड़ जो 300 साल से ज्यादा पुराने है उनका दीदार करने का भी मौका मिलेगा. यहीं नहीं आगामी दिनों में एक टनल भी तैयार की जाएगी.


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