जयपुर कमिश्नरेट के ट्रैफिक इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार उर्फ पीके मस्त इन दिनों खूब चर्चा में हैं. ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें जयपुर ट्रैफिक में अवेयरनेस इंचार्ज का पद दिया है. इसे लेकर वो अपने अंदाज और कार्यों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हैं. हेलमेट से लेकर गाड़ी में लगे हॉर्न और कलर, हूटर की भी जांच करते हैं. लेकिन यह सब वो बेहद दिलचस्प तरीके से बताते हैं. इसे लोग सुनने और समझने के लिए खड़े हो जाते हैं. पीके का कहना हैं कि हमारे सीनियर अधिकारियों ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर जगह जाना होगा और प्रचार करना होगा. इसलिए, अब ह्यूमर का तड़का लगा देता हूं तो लोग बात सुन लेते हैं.
'दिल से करते हैं बात...इसलिए असर दिखता है'
प्रवीन कुमार का कहना हम लोगों से आम आदमी की तरह बात करते हैं. लोगों को इसलिए बात समझ आ जाती है. अगर दिल से बात होगी तो दिल तक पहुंच जाएगी. दिल जीत लिया तो जग जीत लिया है. प्रवीन कुमार सबको बेहतर तरीके से लोगों को समझाते हैं. पीके बताते हैं कि हमारे सीनियर कहते हैं कि पुलिस की छवि हमेशा बेहतर बनाकर रखनी है. जब यह पूछा गया कि परिवार में क्या लोग कहते है. तो उनका कहना था कि परिवार लोग खासकर पत्नी पूछती है कि नौकरी के अलावा क्या कर रहे हो. पीके बताते हैं कि सब हमारे इस काम से खुश हैं.
कौन हैं पीके?
पीके राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. हालांकि, उन्होंने बातचीत में मजाकिया लहजे में बताया कि शादी होने के बाद मैं कहीं का नहीं रहा. तो इस तरीके से पीके हंसकर लोगों को समझाते हैं. इनका कहना है कि हेलमेट न लगाने वालों को समझाता हूं. उन्हें बताता हूं कि बत्तियां तीन तरह की होती हैं. नहीं मानेगा तो चौथी बत्ती अगरबत्ती और पांचवीं बत्ती मोमबत्ती होती है. इसलिए तरीके से लोगों को आसान बातों के माध्यम से ट्रैफिक के नियमों के बारे में बताया जा रहा है.