Rajasthan: बाड़मेर की किन्नर बबीता बहन ने लाखों की लागत से बनवाया भव्य शिव मंदिर, जानें खास बात
Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर (Barmer) में एक किन्नर (Transgender) ने अपनी जमा पूंजी से भव्य शिव मंदिर (Shiva Temple) का निर्माण करवाया है. आप भी जानें क्या खास है.
Transgender Babita Built Shiva Temple in Barmer: खुदा के सदके से अधूरे लोग कई मर्तबा ऐसा कुछ कर जाते हैं जो लोगों के लिए मिसाल बन जाती है. ऐसा ही नजारा नजर आया है सरहदी बाड़मेर (Barmer) में जहां एक किन्नर (Transgender) ने अपनी जमा पूंजी से भव्य शिव मंदिर (Shiva Temple) का निर्माण करवाया है. रविवार को वैदिक रीति रिवाज और मंत्रोचार के साथ इस मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया तो लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. बाड़मेर में रविवार का दिन एक अनूठे आयोजन के कारण आम से खास दिन बन गया. बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बाड़मेर के किन्नर समुदाय की गादीपति बबीता बहन (Babita) ने 50 लाख की लागत से शिव मंदिर का निर्माण करवाया है.
लिया था संकल्प
मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश और नंदी की भव्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. अभी जहां मंदिर बना है वहां बरसों पहले केवल बबूल की झाड़ियों का जंगल हुआ करता था. बबीता बहन ने बाड़मेर आने पर ये संकल्प लिया था की जब कभी भी उनके पास पैसा होगा तो वो मंदिर जरूर बनवाएंगी. अपनी गुरु तारा बाई के समाज सेवा के नक्शे कदम पर चलते हुए बबीता बहन ने लोगों के साथ ना केवल अपना स्नेह बनाए रखा बल्कि अपने सपने को साकार कर दिखाया. पड़ोसी बताते हैं कि 40 साल से उनका अपनापन बेमिसाल है.
राम मंदिर निर्माण के लिए भी दी सहयोग राशि
होली-दीपावली और किसी के घर में नए सदस्य के आने पर गाने-बजाने और दुआएं देकर बबीता बहन ने पाई-पाई जोड़ी और इस मंदिर का निर्माण करवाया. ऐसा नहीं है कि बबीता बहन ने मंदिर और धर्म-कर्म की तरफ ये पहला कदम बढ़ाया है. बबीता बहन राम मंदिर निर्माण के लिए 5 लाख की सहयोग राशि भेंट कर चुकी हैं. माता हिंगलाज शक्ति पीठ के लिए 5 लाख के गहने, माता रानी भटियानी और मजीसा के 2 मंदिरों के लिए भी वो गहने भेंट कर चुकी हैं. कोरोना के विकट हालातों में भी बबीता बहन ने लोगों की खूब मदद की थी. अब जब 40 साल पुराना सपना रविवार को साकार हुआ तो बबीता बहन की आंखों में खुशी के आंसू नजर आए.
समाज के लिए है प्रेरणा
देशभर में किन्नर समुदाय के प्रति लोगों की धारणा और नजरिया बहुत अच्छा नहीं है. इन्हें लूट खसोट करने वाले और अभद्र व्यवहार करने वाला समुदाय माना जाता है, लेकिन इन सभी धारणाओं को बबीता बहन का ये कदम झुठलाता नजर आया. बबीता बहन की तरफ से धर्म-कर्म के लिए बढ़ाया गया ये कदम ना केवल नजीर बन गया है साथ ही लाखों लोगों के लिए ये किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
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