Rajasthan News: राजस्थान में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. राज्य में तीन साल में ऐसे वाहनों की संख्या छह गुना बढ़ गई है और लोग उभरते हुए गतिशील मॉडल को अपना रहे हैं. शहर के जीवन में आराम और आसान गतिशीलता को देखते हुए दो पहिया ई-वाहनों (e-vehicle) की बिक्री सबसे अधिक है, जबकि चार पहिया ई-वाहनों की बिक्री सबसे कम है क्योंकि उपभोक्ता अभी भी वाहनों के चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बारे में थोड़ा आशंकित हैं, खासकर राजमार्गों और बाहरी इलाकों में.


इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री छह गुना बढ़ी
राजस्थान के परिवहन विभाग (Rajasthan Transport Department) के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से सितंबर के पहले सप्ताह तक राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगभग छह गुना बढ़ गई है. परिवहन विभाग के आयुक्त के एल स्वामी ने बताया कि 'राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगातार वृद्धि हो रही है क्योंकि अधिक से अधिक लोग बेहतर और उन्नत तकनीक के वाहन की ओर बढ़ रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति राज्य सरकार की नीति के कारण भी है. राज्य सरकार ई-वाहन की खरीदारी पर अनुदान प्रदान कर रही है.’’


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इस साल 42,900 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए 
विभाग के अनुसार 2019 में राज्य में तीन खंडों-दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों में कुल 6,627 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे गए. कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 में ई-वाहनों की बिक्री में मामूली गिरावट (5,599 वाहन बिक्री) के बाद, वर्ष 2021 में बिक्री बढ़कर 23,451 हो गई. आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर के पहले सप्ताह तक, राज्य में कुल 42,900 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं, जिसमें लगभग 28,000 मोटरसाइकिल/स्कूटर, 13,400 तिपहिया, 1500 हल्के मोटर वाहन शामिल हैं.


ई-वाहनों का कारोबार भी फल-फूल रहा
25 अगस्त से सात सितंबर तक जिसमें गणेश चतुर्थी उत्सव भी शामिल है राजस्थान में लगभग 3,200 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए. ई-वाहनों का आसान रख रखाव और ईंधन पर कम लागत उपभोक्ताओं द्वारा इसे पसंद करने की वजह है. लोगों के नई तकनीकों की ओर जाने से ई-वाहनों का कारोबार भी फल-फूल रहा है. इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी- बैट: आरई के संस्थापक और निदेशक निश्चल चौधरी ने कहा कि ई- वाहनों की बिक्री दर्शाती है कि लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं और सड़कों पर ईवी की उपस्थिति हावी होने वाली है.


इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी
निश्चल चौधरी ने बताया कि 'भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती स्वीकार्यता के साथ, हम आने वाले वर्षों में इनकी संख्या में एक मजबूत बदलाव महसूस कर सकते हैं. राजस्थान में हमारे वाहनों की कुल ई-वाहनों की बिक्री में छह प्रतिशत का योगदान है जबकि जयपुर में कुल बिक्री में 24 प्रतिशत का योगदान है. जुलाई 2021 के बाद से राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का चलन तेजी से बढ़ा है. राज्य में लगातार महीने दर महीने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई है. राजस्थान में जुलाई, 2021 में कुल 2,202 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे गए, जो दिसंबर महीने में बढ़कर 3,866 वाहन हो गए. जुलाई 2022 में, बिक्री लगभग दोगुनी हो गई क्योंकि राज्य में कुल 6,698 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए. 


इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने वाले ने क्या बताया
हाल ही में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने वाले महेश कुमार शर्मा ने बताया कि पेट्रोल वाहन की तुलना में कम लागत से चलने के कारण उन्हें ई-वाहन खरीदने की प्रेरणा मिली. शर्मा ने बताया कि 'पेट्रोल की तुलना में चलने की लागत बहुत सस्ती है. हालांकि, इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत सामान्य पेट्रोल स्कूटर की तुलना में अधिक है, लेकिन लंबे समय में कुल लागत पेट्रोल वाहन से कम है.’’राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अनुदान देती है.


40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2019-20 के बजट में नीति की घोषणा की थी और उन्होंने इसी साल 24 मई को नीति के मसौदे को मंजूरी दी थी. इसके तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रस्तावित एकमुश्त योगदान और राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति के लिए 40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी.


सरकार ने की है अनुदान देने की घोषणा
राज्य सरकार ने दोपहिया वाहनों के लिए 5000 रुपये से 10,000 रुपये, तिपहिया वाहनों की खरीद के लिए 10,000 से 20,000 रुपये की एसजीएसटी (राज्य वस्तु एवं सेवा कर) राशि की प्रतिपूर्ति करने की घोषणा की थी. सरकार ने 2022 में अपनी संशोधित नीति में वाहन की बैटरी क्षमता के अनुसार चारपहिया वाहनों के लिए 30,000-50,000 रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है.


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