Rajasthan Fraud News: राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा ने दो विश्वविद्यालयों के संचालकों और एक महिला को फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पिछली तारीखों में सैकड़ों फर्जी डिग्रियां जारी कीं, मान्यता से पहले बीएड और बीपीएड की डिग्रियां जारी कीं, बिना मान्यता के पाठ्यक्रम चलाए और एसएससी कृषि की डिग्री जारी की. उन्होंने फर्जी प्रवेश दिखाकर खेल प्रमाण पत्र भी जारी किए.


राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा विशेष अभियान दल (एसओजी) ने शुक्रवार को विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों की फर्जी डिग्री एवं खेल प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में दो विश्वविद्यालयों के संचालकों और एक महिला को गिरफ्तार किया.


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने दी अहम जानकारी


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) ने बताया कि इस संबंध में दर्ज मामले में शुक्रवार को महिला सहित तीन वांछित आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि एसओजी में चूरू में ओपीजेएस विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों की फर्जी डिग्री एवं खेल प्रमाण पत्र जारी किये जाने की शिकायत की जांच की गयी और जांच के दौरान ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.


उन्होंने एक बयान में बताया कि एसओजी ने शुक्रवार को ओपीजेएस विश्वविद्यालय के संचालक जोगेन्द्र सिंह (55), एम के विश्वविद्यालय पाटन ( गुजरात) एवं अलवर के सनराइज विश्वविद्यालय के संचालक जितेंद्र यादव (38) और ओपीजेएस विश्वविद्यालय की पूर्व रजिस्ट्रार एवं चेयरपर्सन सरिता कडवासरा (50) को गिरफ्तार किया.


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ओपीजेएस विश्वविद्यालय के संचालक जोगेन्द्र सिंह द्वारा बांरा के शाहबाद में वैदिक विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, इसी प्रकार सनराईज विश्वविद्यालय के संचालक जितेन्द्र यादव द्वार बूंदी के लाखेरी में जीत विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है.


उन्होंने बताया कि जितेन्द्र यादव ओपीजेएस विश्वविद्यालय में 2015 से 2020 तक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रहा है. इसके साथ ही वह चूरू के रतनगढ़ में रिसोर्ट भी चलाता है.


उन्होंने बताया कि इस मामले में ओपीजेएस विश्वविद्यालय में पूर्व में रजिस्ट्रार और चेयरपर्सन रही सरिता कडवासरा को गिरफ्तार किया गया है. वह 2013 से 2015 तक विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार एवं 2015 से 2020 तक चेयरपर्सन रही हैं.


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आरोपियों ने पिछली तारीखों में सैकड़ों फर्जी डिग्रियां जारी की, मान्यता से पूर्व ही बीएड एवं बीपीएड की डिग्रियां जारी कीं, बिना मान्यता कोर्स संचालित किये एवं एसएससी कृषि की डिग्री जारी की. आरोपियों ने फर्जी प्रवेश दिखाकर खेल प्रमाण पत्र भी जारी किये. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है. मामले में अन्य वांछित आरोपियों की तलाश जारी है.


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