Rajasthan News: राजस्थान में उत्सव और त्योहार अपनी अलग पहचान रखते हैं. इसी को लेकर हालही में राजस्थान देश के सभी राज्यों को पछाड़ते हुए अव्वल आया है. इन सभी मेलों में से उदयपुर (Udaipur) का हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) का मेला बेहद प्रसिद्ध है. यह मेला करीब 124 साल से लगता आ रहा है. पहली बार ऐसा हुआ कि पिछले दो साल से कोरोना (Corona) संक्रमण के कारण नहीं लगाया गया. अब यह 28-29 जुलाई को लगेगा. वहीं कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद लोगों में यह असमंजस फैला हुआ था कि मेला लगेगा या नहीं. लोगों के मन में उठ रहे सवाल पर एसपी विकास शर्मा ने कहा कि मेला जरूर लगेगा. 


क्या खासियत है मेले की
यह मेला हरियाली अमावस्या से दो दिन के लिए लगाया जाता है. इसका स्थान शहर के बीच में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहेलियों की बाड़ी रोड यानी सहेली मार्ग पर लगाया जाता है. करीब 3 किलोमीटर से ज्यादा लंबे रोड के दायरे में यह मेला लगता है. रोड के दोनों तरफ करीब 500 दुकानें लगी होती है. साथ ही खाली जगहों पर झूले लगाए जाते हैं. बड़ी बात यह है कि पहले दिन तो कोई भी इस मेले में जा सकता है लेकिन दूसरे दिन यहां सिर्फ महिलाओं की एंट्री होती है. यहां एक दिन में मेले का मजा लेने के लिए एक लाख से ज्यादा महिलाएं पहुंचती है. इसमें शहरी महिलाओं के साथ ग्रामीण और विदेशी पर्यटक महिलाएं भी आती है. 


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मेले का क्या कहा है इतिहास
लोगों की मान्यता है कि वर्ष 1898 में हरियाली अमावस्या के दिन महाराणा फतह सिंह महारानी चावड़ी के साथ फतहसागर झील पहुंचे थे. यह वह झील है जिसे उदयपुर की धड़कन कहा जाता है. पहुंचने के बाद वह छलकते फतहसागर को देखकर बहुत खुश हुए. उन्होंने नगर में मेले के रूप में यहां पहली बार जश्न मनाया. तब चावड़ी रानी ने महाराणा से सिर्फ महिलाओं को मेले में जाने की बात कही थी.


इस पर महाराणा ने मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए रखने की घोषणा करवाई थी. तब से पहले दिन महिला-पुरुष सहित सर्वसामान्य के लिए, जबकि दूसरे दिन सिर्फ महिलाओं के लिए यह मेला लगता आया है. बड़ी बात यह भी है कि उदयपुर में कई जलाशय है जो अगर सभी लबालब होकर छलक भी जाए तो शहरवासियों के चेहरे लर खुशी नहीं होती लेकिन जैसे ही फतहसागर छलकता है तो खुशी की लहर दौड़ पड़ती है. उसे छलकते देखने के लिए शहरवासियों की भीड़ उमड़ पड़ती है.


कड़े पहरे में लगेगा मेला
एसपी विकाश शर्मा ने बताया कि मेले में कानून व्यवस्था संभालने के लिए वर्दी में 1500 और सिविल में 200 जवान तैनात किए जाएंगे. वहीं ड्रोन से भी पूरे मेले की चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जाएगी. नगर निगम की तरफ से कहा गया कि 500 अस्थाई दुकानें और झूलों की लॉटरी निकाली जाएगी.


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