Udaipur Crime News: राजस्थान के उदयपुर संभाग में मानव तस्करी के कई मामले सामने आते रहे हैं. यहां से बड़ी संख्या में किशोरों को गुजरात मजदूरी के लिए भेजा जाता है और वहां उनसे जोखिम भरे काम करवाए जाते हैं. पुलिस कई बार कार्रवाई करते हुए बच्चों का रेस्क्यू भी करती है. वहीं अब उदयपुर शहर की सवीना थाना पुलिस ने नवजात बच्चों की तस्करी से जुडे़ एक मामले का खुलासा किया है. यहां एग डोनर (Egg Donar) के रूप में महिलाओं को तैयार कर बच्चा होने के बाद उन बच्चों का सौदा उनका सौदा किया जाता था.पुलिस ने मामले में एक महिला को गिरफ्तार कर एक नवजात को रेस्क्यू किया है.
सवीना पुलिस की तरफ से की गई कर्रवाई
सविना थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने बताया कि पुलिस को सेक्टर 9 में एक महिला की सुचना मिली थी. वो नवजात बच्चे को लेकर घूम रही थी. इसके बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची. टीम ने देखा कि बच्चा रो रहा था. इसके बावजूद भी वो महिला बच्चे को दूध नहीं पिला रही थी और ईधर उधर घूम रही थी. महिला के इस तरह के व्यवहार पर पुलिस को शक हुआ. जिसके बाद पुलिस की टीम ने संदेहास्पद महिला और बच्चे का पीछा करती हुई सामुदायिक भवन के पास पहुंची. यहां भी बच्चा रो ही रहा था.
इसके बाद उस महिला को पकड़कर पूछताछ की गई. पूछताछ में उसने अपना नाम राजकुमारी मीणा बताया. वहीं जिस बच्चे को उसने गोद में ले रखा था उसकी उम्र करीबन 7महीने थी. महिला ने आगे बताया कि 19 जनवरी को को दिन में करीब 3 बजे उसने इस बच्चे को पायल देवी से खरीदा था.इसके बाद पुलिस ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौप दिया और महिला को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी.
70 हजार में खरीदा बच्चा
पुलिस पूछताछ में आरोपी महिला ने बताया कि उसने रामलाल और उसकी पत्नी पायल देवी से नवजात को 70 हजार रुपये में खरीदा था. वो इस बच्चे को दिल्ली में मनोज कुमार नाम के व्यक्ति को 2 लाख रुपये में बेचने वाली थी.उसने बताया कि वो पहले भी इसी तरह दो बच्चों को बेच चुकी है.आरोपी महिला ने बतााया कि वो अकेली काम नहीं करती है. उसके साथ कोई बड़ा गिरोह भी है.महिला ने दो अन्य व्यक्तियों के नाम भी बताए हैं. पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है.वहीं पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है महिला अब तक कितने नवजात बच्चों को बेच चुकी है.
जानिए एग डोनेट की पूरी कहानी
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि यह मामला एग डोनेट से जुड़ा हुआ है. गिरोह के कुछ सदस्य एक महिला को तैयार करते हैं. इसके बाद आईवीएफ के जरिये बच्चा जन्म होता है. फिर उसे दिल्ली में बैठे लोगों को बेच दिया जाता है. इसमें सिर्फ नवजात बच्चों को ही खरीदा जाता है,नवजात बच्चियों को नहीं. आरोपी महिला ने एक बार हैदराबाद में एक बच्ची को पहुंचाया था जिसे नहीं खरीदा गया. अब वो बच्ची कहां हैं पुलिस इसकी जांच भी कर रही है.
अब सवाल उठता है कि आखिर बच्चों खरीद क्यों जाता है. इस पर जांच में जुटे पुलिसकर्मियों का कहना है कि जिन दंपति के आईवीएफ से भी संतान नहीं होती. इन बच्चों को उनको बेचा जाता है. हालांकि पुलिस अभी इस पूरे मामले के खुलासे को लेकर जांच कर रही है. पुलिस को महिला के मोबाइल में व्हाट्सअप चैटिंग भी मिली है.पूरी जांच होने के बाद स्पष्ट स्थिति सामने आएगी.