हैरान कर देगी पुनर्जन्म की ये कहानी, 4 साल की बच्ची ने बताई चौंकाने वाली बात...जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
Udaipur News: राजसमंद के परावल गांव की रहने वाली 4 साल की किंजल ने अपने आप को ऊषा बताया है. ऊषा वो है जो राजसमंद जिले के ही पिपलांत्री गांव में रहती थी और जलने से उसकी मौत हो गई थी.
Rajasthan Udaipur Reincarnation Story: पुनर्जन्म (Reincarnation) की बात होते बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) और सलमान खान (Salman Khan) की फिल्म करन अर्जुन (Karan Arjun) दिमाग में आ जाती है. अगर यही हकीकत में हो जाए तो होश उड़ाने वाली बात होगी. लेकिन, उदयपुर (Udaipur) संभाग के राजसमंद (Rajsamand) जिले में ऐसा ही कुछ हुआ है. राजसमंद के परावल गांव की रहने वाली 4 साल की किंजल (Kinjal) ने अपने आप को ऊषा (Usha) बताया है. ऊषा वो है जो राजसमंद जिले के ही पिपलांत्री गांव में रहती थी और किचन में काम करने दौरान जलने से उसकी मौत (Death) हो गई थी. किंजल ने अपने परिवार को ये तक कह दिया कि उसका गांव पिपलांत्री है और उसे जलने के बाद एम्बुलेंस यहां छोड़कर गई. इसके अलावा भी अन्य बातें उसने कही हैं. इसके बाद जब परिवार के लोग ऊषा के घर गए तो उसने सभी को पहचान लिया जिसे देख सब हैरान रह गए कि 4 साल की बच्ची जो गांव से बाहर नहीं निकली वो ये सब कैसे जानती है. हालांकि, ये सब बातें किंजल ने अपने परिवार में सामने ही कही हैं, अन्य किसी से बात नहीं कर पा रही है.
यहां से शुरू होती है कहानी
राजसमंद के नाथद्वारा के पास परावल गांव में रतन सिंह चूंडावत रहते हैं जिनकी 5 बेटियां है, जिनमें सबसे छोटी 4 साल की किंजल है. रतन सिंह का कहना है कि पिछले एक साल से उसकी बेटी किंजल अपने भाई से मिलने की बात कर रही थी जबकि भाई नहीं है. इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया. करीब 2 माह पहले किंजल को मां दुर्गा ने अपने पापा को बुलाने की कहा तो किंजल कहती है मां तो पिपलांत्री में रहती हैं (पिपलांत्री में ऊषा रहती थी). यही नहीं, ये भी कहा कि वो ऊषा है किंजल नहीं.
डॉक्टर के पास ले गए पिता
इसके आगे मां ने पूछा तो उसने कहा कि मेरे भाई और माता-पिता पिपलांत्री में रहते हैं. जल गई थी तो एम्बुलेंस यहां छोड़कर गई. हम दो भाई-बहन हैं और पाप ट्रैक्टर चलाते हैं. पिता रतन सिंह ये बात सुनकर किंजल को डॉक्टर के पास ले गए लेकिन कोई बीमारी नहीं बताई. जब यह बात फैली और मृतक ऊषा के भाई पंकज के पास पहुंची तो वो किंजल के गांव परावल पहुंचा. लोग बता रहे हैं कि किंजल ने जैसे पंकज को देखा तो वो खुश हो गई. पंकज ने अपने माता-पिता की फोटो दिखाई तो किंजल पहचान गई, फिर रोने लगी.
दोनों परिवारों में बन गया है अच्छा रिश्ता
ऊषा की मां गीता पालीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 14 जनवरी को किंजल को लेकर पिपलांत्री आई. घर ऐसे आई जैसे कि वो बरसों से यहीं रह रही थी. घर के बाहर ऊषा ने एक फूल का पौधा लगाया था. किंजल ने पूछा की फूल का पौधा कहां गया. परिवार ने कहा कि एक सप्ताह पहले ही हटाया था. गीता पालीवाल ने आगे बताया कि ऊषा की शादी हो गई थी और उसके दो बच्चे भी है. इस घटना के बाद दोनों परिवारों में अच्छा रिश्ता हो गया है. किंजल अपने घर परावल ही रहती है और ऊषा के परिवार के सदस्यों से बातचीत करती है.
ज्योतिषाचार्य ने कही ये बात
मामले को लेकर ज्योतिषाचार्य डॉ भगवती शंकर व्यास का कहना है कि पुनर्जन्म की कहानी संभव हो सकती है. पिछले जन्म में किए गए पुण्यों के आधार पर कई लोगों में 10 वर्ष की उम्र तक भी स्मृति रहती है और धार्मिक पुराणों में इसका जिक्र है. इस बच्ची के केस पर स्टडी करनी बहुत जरूरी है.
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