Updaipur News: चिंतन शिविर में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के पहले पैंथर रेस्क्यू सेंटर की घोषणा की है.रेस्क्यू सेंटर बन जाने से घायल पैंथरों का इलाज हो सकेगा. अब से पहले रेस्क्यू कर लाए जानेवाले पैंथर को चिड़ियाघर में भेजा जाता था. चिड़ियाघर में पैंथर की ठीक से देखभाल नहीं हो पाती थी. वन विभाग के अधिकारियों ने सेंटर को कारगर बताया है. वन्यजीव विशेषज्ञ सतीश शर्मा का कहना है कि अब तक घायल अवस्था या रेस्क्यू कर लाए गए पैंथर चिड़ियाघर में रखे जाते थे.


पैंथर के लिए अलग से रेस्क्यू सेंटर


चिड़ियाघर में पहले से ही कई वन्यजीव रहते हैं. इसलिए पैंथर की देखभाल सही तरीके से नहीं हो पाती थी. अब पैंथर के लिए अलग से सेंटर में डॉक्टर होंगे. उनके रहने के लिए अलग से जगह होगी. उसकी हालत के अनुसार डाइट प्लान होगा. उसकी बेहतर तरीके से केयर हो पाएगी. आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे एक बड़ा कॉमन हॉस्पिटल है. हॉस्पिटल में सभी प्रकार के मरीज आते हैं. एक कैंसर और एक टीबी का अलग से है. समझ सकतें है कि सेपरेट इलाज होगा तो मरीज को कितना फायदा होगा. उसी प्रकार इस सेंटर से पैंथर को फायदा होगा.


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आए दिन पैंथर और इंसान में जंग


एक प्रकार से शेल्टेर होम है, जहां विकट स्थिति में पैंथर को लाएंगे और उसका अच्छे से इलाज फिर से कर जंगल मे छोड़ देंगे. जंगल में नहीं छोड़ने की स्थिति पर वहीं रखा जाएगा. उदयपुर संभाग में आए दिन पैंथर और इंसान के बीच जंग जैसी स्थिति रहती है. ग्रामीण क्षेत्र में कई बार पैंथर हमला कर इंसान को मारता है तो कई बार आक्रोशित ग्रामीण पैंथर को मार देते हैं या घायल कर देते हैं. पैंथर के घायल होने की स्थिति और ग्रामीणों में दहशत दूर करने के लिए पैंथर को रेस्क्यू करते हैं. रेस्क्यू के बाद चिड़िया घर लाते हैं लेकिन डर तब भी रहता है कि बाहरी पैंथर में अगर कोई संक्रमण हुआ तो अन्य चिड़ियाघर के जीवों में फैल जाएगा. इसलिए इस सेंटर की जरूरत पड़ी.


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