Rajasthan Tourism: वर्ष 2023 का अंतिम समय चल रहा है. सर्दियों को छुट्टियां भी आने वाली है. ऐसे में हर कोई कहीं ना कहीं घूमने का प्लान बना रहा है. कोई महलों को तरफ जा रहे हैं तो कोई जंगलों की सैर करने के लिए. राजस्थान पर्यटन की बात करे तो सबसे बड़ा पर्यटन हब राजधानी जयपुर के बाद उदयपुर ही माना जाता है. उदयपुर शहर में तो कई पर्यटन स्थल है लेकिन अगर झील, पहाड़, महल देख लेंगे तो इसके बाद उदयपुर के गांवों की तरफ रुख कर सकते हैं, क्योंकि उदयपुर का ग्रामीण पर्यटन स्थल भी कुछ कम नहीं है. जानिए उदयपुर के 40 किलोमीटर की रेडियस कौनसे है पर्यटन स्थल.


उदयपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर मेनार गांव है जो राजस्थान में बर्ड विलेज के नाम से प्रख्यात है. यह गांव और यहां के लोग अनुशासन के लिए पहचाने जाते हैं जिसकी वजह से ही बर्ड विलेज नाम हुआ. यहां के 2 तालाब, जो कभी गंदगी से भरे पड़े थे. पशु तक पानी नहीं पीते थे, लेकिन आज यहां कांच जैसा पानी है. इसकी वजह से सर्दियों के समय यहां सैकड़ों की संख्या में पक्षी विदेशी पक्षी आते हैं. अगर आप एक ही जगह कई पक्षियों की।प्रजाति देखना चाहते हैं तो यह सबसे बेहतर जगह हो सकती है.




यहां गांव और जंगल के बीच तालाब है 
उदयपुर बीच शहर से मात्रा करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है कैलाशपुरी गांव. यहां अब पर्यटन विभाग भी पर्यटन की दृष्टि से काम करना शुरू करेगा. यहां गांव और जंगल के बीच तालाब है जहां अप बैठकर पिकनिक के रूप में समय बिता सकते हैं. साथ ही यहां मेवाड़ के आराध्य देव एकलिंगजी का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है, जहां दूर दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. मेवाड़ राजघराने का निज मंदिर है.


प्री वेडिंग शूट के लिए सबसे ज्यादा फेमस है
एकलिंगजी मंदिर के पास ही है नागदा गांव जहां पर 10वीं शताब्दी में बना प्रसिद्ध मंदिर है जिसका अभी नाम है सास-बहू. इसका वैसे तो नाम सहस्त्रबाहु मंदिर. इस मंदिर को देखने के लिए अभी भी कई लोग जाते हैं. यहां भगवान की प्रतिमाएं नहीं है लेकिन मंदिर में पत्थर की बारीकी बनावट है. बड़ी बात यह को यह भी कहा जाता है कि नागदा मेवाड़ की राजधानी भी थी. साथ ही यह प्री वेडिंग शूट के लिए सबसे ज्यादा फेमस है.


जंगल के बीच बायोडायवर्सिटी पार्क बना रखा है.
कैलाशपुरी और नागदा देख लिए तो शहर में आते वक्त शहर से बिलकुल करीब चिरवा गांव है. गांव के पास ही वन विभाग से यहां जंगल के बीच बायोडायवर्सिटी पार्क बना रखा है. यहां घने जंगल के बीच एडवेंचर जैसे जिप लाइन सहित अन्य भी अनुभव ले सकते हैं. खास बात यह कि इस पार्क में राजस्थान का पहला बटरफ्लाई पार्क बना है जहां तितलियों का संसार देख सकते हैं. यहीं नहीं इसी के पास फूलो की घाटी भी है जहां फूलों का संसार देख सकते हैं. 



जंगल सफारी का आनंद भी उठा सकते हैं
सलूंबर में विश्व प्रसिद्ध एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील जयसमंद है. यह जरूर शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर हैं. यहां बोटिंग कर सकते हैं और हाड़ी रानी का ऊंचे पहाड़ पर स्थिति महल भी देख सकते हैं. साथ ही जयसमंद अभ्यारण्य में जंगल सफारी का आनंद भी उठा सकते हैं, जहां पैंथर के साथ कई वन्यजीव दिख जाएंगे. 




इसी गांव में तनेश्वर महादेव मंदिर है
चावंड में महाराणा प्रताप की समाधि है,  स्मारक बना हुआ है. गोगुंदा में महाराणा प्रताप की राजतिलक स्थली. जावर गांव में भक्त प्रहलाद और हिरणाकश्यप के इतिहास को दिखाने वाला स्थान जहां रामनाथ मंदिर और महल भी है. इसी गांव में तनेश्वर महादेव मंदिर है, जहां कलयुग की एक घटना हुई जिसमें एक ट्यूबवेल के पाइप से 24 घंटे पानी निकलता है. इसी प्रकार अन्य भी उदयपुर में गांव है, जो पर्यटन स्थल है.


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