Hypertension: 36 लाख की आबादी वाले उदयपुर जिले में 5 लाख से ज्यादा है हाईब्लड प्रेशर के शिकार, जानिए चौंकाने वाली वजह
Udaipur News: आजकल युवाओं में हाईपरटेंशन की समस्या बहुत ज्यादा देखी जा रही है. डॉक्टरों के मुताबिक गलत लाइफस्टाइल की वजह से युवा इस गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं.
Udaipur Health News: आज की दुनिया में लोगों को कई बीमारियों ने जकड़ा हुआ है. यहां तक कि कम उम्र के युवा और बच्चे भी कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है. लेकिन इन सबमें आज सबसे ज्यादा हाइपरटेंशन से ग्रसित मरीज सामने आ रहे हैं, जो एक चिंता का विषय है. वहीं राजस्थान के उदयपुर की बात करें तो हॉस्पिटल में जांचों के अनुसार 36 लाख की आबादी वाले इस जिले में 5.76 लाख यानी 16% लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. हाइपरटेंशन से पीड़ित मरीजों की इतनी बड़ी से संख्या होना यकीनन चिंता की बात है. डॉक्टर यह होने के पीछे कारण भी बता रहे हैं.
युवाओं क्यों हो रहे है हाई ब्लड प्रेशर के शिकार?
डॉक्टर के अनुसार डेढ़ दशक पहले तक 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों ही हाई ब्लड प्रेशर के शिकार पाए जाते लेकिन अब यह रोग 30 से 35 के युवाओं में भी मिलने लगा है. युवाओं में बीपी बढ़ने की बड़ी वजह व्यस्त दिनचर्या के बीच शारीरिक श्रम कम होना और खान-पान से जुड़ी आदतें है. नई पीढ़ी पेट तो भर रही है, लेकिन जो चीजें खा-पी रही हैं, उनमें या तो पोषण नहीं है या फैट्स जैसी चीजें ज्यादा हैं. मोबाइल लेकर बैठे रहने की आदत से भी मोटापा और यह रोग बढ़ा हैं.
शारीरिक गतिविधियां कम होना भी है वजह
उदयपुर के रवींद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज में कार्डियालॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपक आमेटा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान कामकाज में आए बदलाव कुछ हद तक सकारात्मक भी रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम के कारण लोगों का शारीरिक श्रम भले ही कम रहा, लेकिन परिवार के बीच रहने से वे तनाव से दूर भी रहे हैं. उच्च रक्तचाप की बीमारी 30 से 35 वर्ष के युवाओं में होने का प्रमुख कारण शारीरिक गतिविधियां कम होना है. मोबाइल, मोटापा, स्मोकिंग, व्यायाम नहीं करना आदि भी उच्च रक्तचाप की आशंका बढ़ाते हैं.
30% लोगों की मौत हृदय की बीमारी से होती है
डॉ. आमेटा आगे बताते है कि जांच में रीडिंग 140/90 है तो यह हाई बीपी है. रीडिंग अलग-अलग कारणों से ऊपर-नीचे होती रहती है. ऐसे में एक या दो जांचों में रक्तचाप का पता नहीं लगाया जा सकता. निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए मल्टीपल रीडिंग जरूरी है. बीपी के प्रति लोग लापरवाह रहते हैं. ऐसे में महज 50% लोग ही उपचार करवाते हैं, इनमें भी 25% ही नियमित दवाई लेने के साथ प्रिकॉशन रखते हैं. नॉन कम्युनिकेबल डिजिज (एनडीसी) का अनुपात हाल ही के दशकों में काफी बढ़ा है. 60% मौतों का कारण यही रोग होते हैं. 30% लोगों की मौत हृदय की बीमारी से होती है. बीमारी को दूर रखने के लिए शुद्ध भोजन और रोज व्यायाम जरूरी है.
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