Rajasthan University News: राजस्थान यूनिवर्सिटी में एक बड़ा बदलाव हुआ है. यहां पहली बार उर्दू और पर्शियन विभाग का सिलेबस हिंदी में जारी किया गया है. यूनिवर्सिटी ने अभी सिर्फ पाठ्यक्रम हिंदी में जारी किया है, लेकिन आने वाले दिनों में उर्दू और पर्शियन की किताबें भी हिंदी में पढ़ने को मिलेंगी. इसपर काम कई महीनों से चल रहा है.


उर्दू और पर्शियन विभाग के एचओडी प्रो राम सिंह चौहान ने कहा कि इस बदलाव से बड़ा असर पड़ेगा, जिन छात्रों को उर्दू और पर्शियन पढ़ने और समझने में परेशानी हो रही होगी उन्हें अब राहत मिलेगी.  हालांकि, यह सब एनईपी 2020 की गाइडलाइन के अनुसार किया गया है. उसमें निर्देश दिया गया है कि जो इंग्लिश में हो उन्हें हिंदी में और जो उर्दू में हो उन्हें हिंदी में किया जाए.


बता दें राजस्थान विवि में उर्दू और पर्शियन विभाग 1973 से चल रहा है. इसमें पोस्ट ग्रेजुएशन में कुल 100 और ग्रेजुएशन में 50 छात्र पढ़ाई करते हैं. कुल मिलाकर 150 छात्र उसमें पढ़ते है. यहां से पढ़ाई करने के बाद बच्चों को खूब सफलता मिली है. इस विभाग की हमेशा मांग बनी रहती है. छात्रों के बीच उर्दू और पर्शियन को लेकर खूब उत्साह देखा जाता है.


इसका असर क्या होगा?
उर्दू और पर्शियन विभाग का हिंदी में पाठ्यक्रम होने से ग्रामीण परिवेश से आने छात्रों को आसानी होगी. इसके साथ ही उर्दू और पर्शियन भाषा को आगे बढ़ाया जा सकेगा और ज्यादा संख्या में लोग इस सब्जेक्ट को पढ़ेंगे. कई सालों से इसकी मांग की जा रही थी, इसलिए यूनिवर्सिटी ने यह फैसला लिया.


वहीं राजस्थान विवि में बैचलर ऑफ़ लाइब्रेरी साइंस (B.Lib.Sc.), मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (M.Lib.Sc) दो ऐसे कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद नौकरी मिल ही जाती है. ये दोनों कोर्स एक-एक साल के हैं. प्रदेश में यह कोर्स सिर्फ राजस्थान विवि में ही होता है और इस कोर्स की खूब डिमांड भी है. यहां इन कोर्स में पढ़ाई करने वाले ज्यादातर छात्रों को रोजगार मिल गया है. मलतब, 90 प्रतिशत छात्रों को रोजगार मिल चुका है. 



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