Rajasthan News: वर्षों से प्रमोशन की मांग कर रहे राजविवि (Rajasthan University) के 6 प्रोफेसरों की अब जाकर जीत हुई है. उन्हें प्रमोशन मिल गया है. नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव, केएल बत्रा, अशोक सिंह और सुरेंद्र सिंह चौहान राज विवि परिसर में प्रमोशन की मांग को लेकर पिछले 1 साल से धरना दे रहे थे आखिरकार अब जाकर उन्हें प्रमोशन का लेटर सौंपा गया है.


विवि कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में लिखा है कि 6 रिसर्च एसोसिएट (वर्तमान में सहायक आचार्य) को सीएएस के अन्तर्गत वरिष्ठ वेतनमान (Senior Scale) ( पाचंवे वेतनमान में वेतन श्रृंखला 10,000-15200, छठे वेतनमान में 15600-39100 एजीपी 7000 एवं सातवें वेतनमान में दिनांक 01.01.2016 से एल-11) का लाभ दिया गया. इसके बाद से शिक्षक धरने से उठ गए हैं. शिक्षकों के आंदोलन को ABP LIVE ने प्रमुखता से दिखाया था.


विवि प्रशासन नहीं मान रहा था
डीएसडब्ल्यू नरेश मलिक ने बताया कि हमारा प्रमोशन 19 मई 2001 से ड्यू है जिसे लागू होना था लेकिन विवि प्रशासन अपनी हठधर्मिता पर लगा हुआ था. सरकार ने भी दो बार आदेश जारी कर दिया था. वहीं सिंडिकेट ने भी बैठक में इसे पास कर दिया था लेकिन अब हमारी मांग मान ली गई है. आदेश जारी होने के बाद धरने पर बैठे सभी शिक्षकों ने ख़ुशी जाहिर की है. शिक्षकों के धरने से छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी. शिक्षकों ने कहा कि सरकार उनके प्रमोशन को लेकर आदेश जारी कर चुकी थी केवल विवि इसे नहीं मान रहा था.


रजिस्ट्रार पर था यह आरोप
शिक्षकों का आरोप था कि सिंडिकेट की मीटिंग के बाद भी रजिस्ट्रार उसे नहीं मान रही थी. रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही थी. रजिस्ट्रार को जेल भेजने की मांग की जा रही थी. दुखी शिक्षकों ने सरकार से रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. शिक्षकों का कहना था कि सरकार के कहने के बाद भी कुछ नहीं हो रहा था. दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी में 2009 में 6 रिसर्च एसोसिएट को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रिडेजिग्नेट किया गया था. इनमें अशोक सिंह, सुरेन्द्र सिंह चौहान, नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव और केएल बत्रा शामिल थे.


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