Rajasthan Assembly Speaker Salary: राजस्थान में विधान सभा अध्यक्ष को कितना वेतन मिलता है और क्या सुविधाएं दी जाती हैं? पिछले दिनों जब पीठासीन अधिकारियों की राष्ट्रीय बैठक हुई तो एक बार फिर विधानसभा के वित्तीय अधिकारों और क्षेत्रों को बढ़ाने की मांग हुई, लेकिन इसपर सहमति नहीं बन पाई. हालांकि, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री के बराबर की सुविधाएं दी जाती हैं.
वेतन में हुआ था ये बदलाव
फिलहाल, साल 2019 में अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के वेतन और सुविधाओं में बढ़ोतरी की थी. उसके बाद से एक बार चर्चा भी खूब हुई कि बढ़ती महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकी है. 6 अगस्त 2019 को विधानसभा में गहलोत सरकार ने वेतन-भत्ते बढ़ाने को लेकर विधेयक को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री का वेतन 55 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये और विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 50 हजार से बढ़ाकर 70 हजार रुपये किया गया था. वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष और कैबिनेट मंत्रियों का वेतन 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 65 हजार रुपये और राज्य मंत्रियों का वेतन 42 हजार रुपये से बढ़ाकर 62 हजार रुपये किया गया था.
पेंशन में किया गया था संशोधन
जब वेतन बढ़ाया गया था, उस समय सभी की पेंशन में बढ़ोतरी हुई थी. विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्य सचेतक का सत्कार भत्ता 06 हजार रुपये प्रति महीने किया गया. इसे बेहतरीन भत्ता कहा जा रहा है. मुख्यमंत्री का सत्कार भत्ता 85 हजार रुपये, मंत्रियों का सत्कार भत्ता 70 हजार रुपये और उप मंत्रियों का सत्कार भत्ता 60 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया था. वेतन-भत्ते बढ़ाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधेयक पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिली थी.
इससे पहले ये थी स्थिति
राजस्थान में विधान सभा अध्यक्ष के लिए कुछ खास सुविधाएं नहीं थीं. साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी लेकिन हुआ नहीं. राजस्थान मिनिस्टर सैलरी बिल 2017 के मुताबिक, मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी 35,000 रुपये से बढ़ाकर 55,000 रुपये कर दी गई थी. कैबिनेट मंत्री की बेसिक सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर 45000 रुपये, राज्यमंत्रियों की बेसिक सैलरी 27000 रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी गई थी. उनकी पेंशन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी थी. अब बढ़ोतरी के बाद बेहतर स्थिति बताई जा रही है.
वित्तीय स्वायत्तता की बढ़ी मांग
पिछले दिनों राजस्थान के विधान सभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा था कि सरकार से वित्तीय स्वायत्तता लेकर हमने इतिहास रचा है. अभी तक किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हुआ है. राजस्थान विधानसभा देश की ऐसी पहली विधानसभा होगी, जो वित्तीय अधिकार संपन्न होगी. उम्मीद है कि आगामी समय में राजस्थान की तरह दूसरे राज्यों की विधानसभाएं भी वित्तीय स्वायत्तता हासिल कर पाएंगी. इसके बाद बहुत कुछ बदल सकता है.
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