राजस्थान में गहराने लगा बिजली-पानी का संकट, मुख्य सचिव ने तय की कलेक्टर-कमिश्नर की जिम्मेदारी
Chief Secretary Sudhansh Pant: राजस्थान में बढ़ती गर्मी के बीच बिजली और पानी की समस्या को लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत एक्शन मोड में दिखाई दिए. उन्होंने जिला क्लेकटर और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए.
Rajasthan News: राजस्थान में गर्मी कहर बरपाना शुरू कर चुकी है. यहां पर बिजली और पानी की जरूरत तेज हो गई है. इसके लिए यहां पर मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर और कमिश्नर की जिम्मेदारी तय कर दी है. क्योंकि हर दिन वहां पर बिजली और पानी को लेकर माहौल गर्म हो रहा है. इसलिए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि सभी अधिकारी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप धरातल पर रहकर कार्य करें.
मुख्य सचिव ने कहा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा समस्याओं का पूर्ण रूप से निस्तारण करते हुए पानी, बिजली और चिकित्सा जैसी आवश्यक सेवाओं का नियमित रूप से निरीक्षण कर समस्याओं का निस्तारण करें. वे अपने क्षेत्र की व्यवस्थाओं के लिए उत्तरदायी होगें.
मुख्य सचिव ने अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की
मुख्य सचिव ने बिजली, पेयजल, चिकित्सा एवं गुड गवर्नेंस के लिए संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टरों एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की जिला वाटर एवं सेनिटेशन मिशन की तरह संभाग स्तरीय अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए संभाग स्तर पर भी कमेटी का गठन किया जाए.
संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारी तहसील एवं उपखण्ड स्तर पर रात्रि चौपाल आयोजित कर आमजन की समस्याओं को सुने. रात्रि चौपाल के दौरान अधिकारी राजकीय सुविधा का ही उपयोग करें. सभी विभाग एवं अधिकारी मिलकर जल संरक्षण एवं वर्षा जल संग्रहण को महत्व दें एवं प्रत्येक परिवार को पेड़ लगाने व बचाने के लिए प्रेरित करें व पर्यावरण शुद्धि के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगवाने और उनके संरक्षण के लिए आमजन को जागरूक किया जाए.
बिजली विभाग के अधिकारियों को भी दिए सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने बिजली विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा इस गर्मी के मौसम में विशेष रूप से सांयकाल एवं रात्रि के समय बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करे. यदि आवश्यकता पड़े तो अतिरिक्त बिजीली खरीदी जाए. उन्होंने कहा कि बिजली, पेयजल और चिकित्सा की आवश्यकताओं को उचित प्रबंधन से पूर्ण किया जाए और इन विभागों के अधिकारियों को यदि धरातल पर कोई समस्या आती है तो पूरा प्रशासन साथ मिलकर सहयोग करें.
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन कार्यक्रम में किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता नहीं होनी चाहिए. प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता के लिए ई-फाईलिंग सिस्टम को अब सभी अधिनस्थ कार्यालयों में लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही ई-फाईल के डिस्पोजल टाईम की भी समय-समय पर मॉनिटरिंग करें.
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