(Source: Dainik Bhaskar)
राजस्थान में गहरा रहा जल संकट! संरक्षण के लिए किसानों को दिए गए टिप्स, खेती करने की दी जानकारी
Water Crisis in Rajasthan: राजस्थान में बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए संगठन सक्रिय हैं. छात्रों और किसानों को जागरूक किया जा रहा है. जल संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि यह जीवन के लिए जरूरी है.
Rajasthan Water Crisis: राजस्थान में जल संकट गहराता जा रहा है, जिसे लेकर यहां पर अलग-अलग संगठन काम कर रहे हैं. खासकर, गांव में सिंचाई और पेयजल संकट दोनों गहराता जा रहा है. आमेर के जालसू तहसील के आसपास गांवों में छात्रों और किसानों को जागरूक किया गया. राजस्थान विवि के 'लाइफ लॉन्ग लर्निंग विभाग' के तत्वाधान में जल संरक्षण पर भूजल विभाग ने जल संरक्षण पर कार्यक्रम किया, जिसमें मुख्य अभियंता एवं परियोजना निदेशक अटल भूजल योजना राजस्थान सरकार के सूरजभान सिंह ने भाग लिया.
कार्यक्रम के आयोजक प्रोफेसर प्रकाश शर्मा द्वारा जन सहयोग के माध्यम से जल संरक्षण पर किए जा रहे प्रयास पर अधिक से अधिक जोर दिया गया. प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि पानी एक सीमित संसाधन है. जो जीवन के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा की जल संरक्षण का मुख्य उद्देश्य पारिस्थिति तंत्र का संतुलन बनाए रखना जैव विविधता को संरक्षित करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना तथा मानव जीवन के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
बढ़ती पेय जल की मांग और कितना हो रहा काम?
इस कार्यक्रम में चिंतन किया गया कि विश्व की जंनसख्या में वृद्धि के साथ-साथ जीवन स्तर और स्वच्छता में वृद्धि के कारण पेयजल की बढ़ती मांग का सामना करना पड़ रहा है. सूरजभान सिंह ने कहा की पृथ्वी के जल संसाधनों के अति प्रयोग को रोकना है. नदियों और जल ग्रहण क्षेत्रों से इस संसाधन का अत्यधिक दोहन हुआ है, जिससे गम्भीर प्रर्यावरणीय क्षति हुई है.
आमेर के जालसू में किसानों को दी गई जलसंरक्षण की जानकारी. pic.twitter.com/oDSreIdj5j
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) June 25, 2024
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंगठन का अनुमान है कि 2025 तक दुनिया में 5 से 8 मिलियन लोगों के पास अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं होगा. जल संरक्षण के लिए किसानों को ऐसी फसलों का चयन करना चाहिए जिनमें कम पानी की आवश्यकता हो तथा फसल चक पद्धती का पालन हो साथ ही मौसमी फसलों का उपयोग किया जाऐ.
किसानों को दी गई सलाह
प्रदूषणकारी एजेंटों जैस उर्वरक, कीट नाशक, रसायन, भारी धातू आदि के उपयोग यथासम्भव रोकने की बात कही गई है. कार्यक्रम में अधीक्षण अभियन्ता भूजल वैज्ञानिक डॉक्टर विनय भारद्वाज ने अटल भूजल योजना द्वारा राज्य में किया जा रहे वर्षा जल संचयन एवं भूजल स्तर के प्रयासों कृषि में किया जा रहे नवाचारों पर जानकारी दी है.
अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी डॉक्टर मलेंद्र चौहान कृषि विशेषज्ञ अविनाश तंवर आईसी विशेषज्ञ जितेंद्र दाधीच ने सहयोग प्रदान किया गया.
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