Rajasthan: भूमिगत जल स्तर बढ़ाने के लिए 500 घरों में बनेंगे वाटर हार्वेन्टिंग सिस्टम, जानें बड़ी बात
Udaipur News: उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है. इससे 2 फायदे होंगे, एक तो लोग बारिश (Rain) के पानी का उपयोग कर पाएंगे और दूसरा भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा.
Rajasthan Water Harvesting System: राजस्थान (Rajasthan) में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है जिससे कई जलाशयों का जल स्तर कम हुआ है. साथ ही भूमिगत जल (Ground Water) को उपयोग में लेने के कारण जल स्तर घट रहा है. इससे प्रदेश के कई हिस्सों में पानी की किल्लत (Water Shortage) को झेलना पड़ रहा है. इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश के सबसे स्वच्छ जिले में एक योजना शुरू की गई है जो वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Water Harvesting System) है. बड़ी बात ये है कि नगर परिषद की तरफ से इसके लिए 8000 रुपए का अनुदान भी दिया जा रहा है.
नलकूप, बोरवेल और कुओं को रिचार्ज करना है उद्देश्य
ये योजना उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में शुरु की गई है. यहां के नगर परिषद चेयरमैन अमृत कलासुआ ने एबीपी न्यूज को बताया कि गर्मी में हर बार परेशानी आती है नलकूप, बोरवेल और कुएं सूख जाते हैं. ऐसे में पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है. साथ ही शहर में पक्की सड़कें होने के कारण बारिश से भूमिगत जल स्तर भी नहीं बढ़ता. इसलिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है. घर में एक एक कच्चा टैंक बनाया जाएगा. उसे छत की पाइप लाइन से जोड़ दिया जाएगा. जो भी बारिश का पानी होगा वो उस गड्ढे में जाएगा. इससे 2 फायदे होंगे, एक तो व्यक्ति इस बारिश के पानी का उपयोग कर पाएगा और दूसरा भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा. उससे आसपास लगे नलकूप में भी पानी रहेगा. साथ ही नालियों में बहने वाले पानी को भी एक जगह एकत्रित किया जाएगा जो भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के साथ खेती में भी काम आएगा.
500 घरों में बनाया जाएगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
अमृत कलासुआ ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शहर के 500 घरों में बनाया जाएगा. एक सिस्टम को बनाने में करीब 17000 रुपए की लागत आती है, इसमें 8000 रुपए सब्सिडी के तौर पर परिषद की तरफ से दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अनिवार्य तो सभी के लिए किया है लेकिन प्राथमिक रूप से 500 घरों को लिया है.
ये भी पढ़ें: