Rajasthan Heatwave News: राजस्थान में हीटवेव का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जरूरी इंतजाम करने की हर संभव कोशिश कर रहा है. हीटवेव को मद्देनजर रखते हुए सभी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके साथ आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी जिलों के चिकित्सा संस्थानों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.


ये सभी नोडल अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर करेंगे और हीटवेव से बचाव के साथ, जांच, दवा और बेहतर इलाज सहित सभी इंतजाम सुनिश्चित करेंगे. हीटवेव के चलते अजमेर के सराना में 40 वर्षीय मोती सिंह नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई. 


मृतक पेशे से मजदूरी का काम करते थे. रुपनगढ़ गांव में ट्रैक्टर में पत्थर भरते समय उनकी अचानक तबीयत खराब गई. जिसके बाद उन्हें आनन फानन में सीएचसी रुपनगढ़ लाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल किशनगढ़ रैफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई.


ये होंगे नोडल अधिकारी
प्रदेश में हीट स्ट्रोक की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में समुचित व्यवस्थाओं को लेकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. इसी क्रम में जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जिला अस्पताल,  उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हीटवेव प्रबंधन के लिए उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है.


हीटवेव प्रबंधन के काम में जुटे सभी अधिकारी प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे. इसके अलावा अस्पताल की तात्कालिक आवश्यकताओं के संबंध में जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए उनका प्रबंध तय करेंगे.


बालोतरा में हीटवेव से बचाई गई जान
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रदेश में हीटवेव प्रबंधन के माकूल इंतजाम सुनिश्चित करने के साथ हीटवेव से पीड़ित रोगियों की जीवनरक्षा की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि ऐसा ही एक मामला बालोतरा से सामने आया. जहां एक व्यक्ति की हीटवे से हालत खराब हो गई थी.


भरतपुर निवासी जीतू कटारा बाड़मेर की एक रिफाइनरी में काम करते हैं. वह रविवार (26 मई) को रिफाइनरी में काम के बाद जैसे ही अपने कमरे पर गया, वहां खाना बनाते हुए बेहोश होकर गिर पड़े. हीटवेव से पीड़ित जीतू कटारा को बालोतरा के राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाया गया. यहां उनका तत्काल इलाज मुहैया करवाया गया, जिससे उनकी जिंदगी बच गई है.


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