Rajasthan News: राजस्थान में मानसून सक्रिय होने लगा है, जिसके बाद भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिली. वहीं अब राजस्थान में 48 घंटे के दौरान कोटा, जोधपुर, उदयपुर संभाग में मौसम विभाग ने भारी बारिश, आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में राज्य में बिजली गिरने का सिलसिला जारी रह सकता है. 


मौसम विभाग ने इसके संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट जारी कर चेतावनी भी दी है. कई जिलों में ये अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले 3 दिन यानी 8 जुलाई तक भारी बारिश के साथ बिजली गिर सकती है. 


हर साल बिजली गिरने से होती हैं मौतें
राजस्थान में 2017 से 2021 तक करीब 394 लोग व्रजपात यानी आकाशिय बिजली गिरने की चपेट में आए थे. राजस्थान बिजली गिरने के मामले में पूरे देश में 10वें स्थान पर है. पिछले वर्ष बिजली की चपेट में आने से कुल 42 लोगों की मौत हो गई. जबकि इस वर्ष मानसून के पहले पांच लोगों की मौत की खबर है. 


मौसम विभाग की मानें तो राजस्थान में आने वाले 48 घंटों में कोटा, जोधपुर, उदयपुर संभाग में भारी वर्षा की संभावना है. इन जगहों आकाशीय बिजली भी गिर सकती है. देश में आकाशीय बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं बिहार, यूपी और एमपी में होती हैं. आकड़ो के अनुसार वर्ष 2020 में इन तीन राज्यों में कुल 53% मौतें हुईं. 


इसलिए गिरती है बिजली
मौसम विभाग के अनुसार आसमान में अचानक से बादलो में अप्रिय तेजी आने लगती है. इस दौरान बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं. तेज हवाओं के कारण गलत दिशा में बादल आपस में टकरा जाते हैं. इन बादलों के टकराने से बिजली बनती है और तेज गति में बादलों के टकराने से बिजली जमीन पर गिर जाती है. 


मौसम विभाग बताता है कि जितनी तेज गति में बादल आपस में टकराते हैं और उतनी ही तेज बिजली बनकर धरती पर बिजली गिरती है और नुकसान पहुंचाती है. विभाग के अनुसार आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है ओर सबसे पहले वहीं गिरती है. 


सरकार 4 लाख का देती है मुआवजा
राजस्थान में मानसून के दौरान बिजली गिरने से मौतों की खबरें सामने आती हैं. आम आदमी नहीं पशुओं भी बिजली के कहर से बच नहीं पाता. ऐसे में जिला कलेक्टर अपने स्तर पर मृतकों को 4 लाख हजार मुआवजा देते हैं, जबकि जानवरों के लिए तयशुदा कीमत के आधार पर मुआवजा दिया जाता है. बड़ी आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि पर राज्य सरकार विशेष मौकों पर आर्थिक सहायता को बढ़ा देती है. यह सभी मुआवजा मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिया जाता है. बता दें कि पिछले वर्ष जयपुर के आमेर में बिजली गिरने से एक साथ 20 लोगों की मौत हुई थी. 


क्या करें और क्या नहीं



  • आसमान में बिजली कड़कने के समय खिड़की के कांच, टिनशेड, लोहे के हैंडल और गीले सामान को छूने से बचें.

  • वज्रपात के वक्त पानी में बिल्कुल भी न जाएं, अगर हैं तो वहां से निकल आएं.

  • अगर आप खुली जगहों पर हों तो कान पर हाथ रखें और एड़ियों को आपस में मिलाकर जमीन पर बैठें.

  • वज्रपात के समय अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो अपनी गाड़ी के शीशे चढ़ाकर ही रखें.

  • साथ ही मजबूत छत वाली गाड़ी में रहें. खुली छत वाली गाड़ी में यात्रा करने से बचें.

  • दीवार का सहारा लेकर न खड़े न हों

  • बिजली के उपकरणों स्विचों और टेलीफोन का इस्तेमाल न करें

  • नहाने न जाएं


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