Mahatma Gandhi School Rajasthan: राजस्थान में इन दिनों शिक्षा विभाग का एक आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां महात्मा गांधी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में अगर किसी छात्र को एडमिशन लेना होगा तो उसे अब रसूखदार से सिफारिश करानी पड़ सकती है. दरअसल शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश निकालते हुए कहा है कि अगर कोई रसूखदार इन स्कूलों में 50 लाख रुपए का डोनेशन देगा तो 2 स्टूडेंट्स का हर क्लास में उसकी सिफारिश से एडमिशन हो सकेगा.


वहीं रसूखदार अधिकतम 10 एडमिशन करवा सकेगा. यानी रसूखदार इन स्कूलों में दान देते हैं तो उनको प्रवेश करवाने का अधिकार मिलेगा. ऐसे में हर रसूखदार का यह कोटा हर साल का रहेगा और खास बात यह है कि स्कूल में आवंटित सीटों के अतिरिक्त रसूखदारों का रिजर्वेशन रहेगा. जिन स्कूलों में सामान्य तौर पर क्लास में 30 सीट हैं, वहां अब 2 स्टूडेंट्स सिफारिश पर एडमिशन ले सकेंगे. सिफारिश से इन क्लास में अब 32 सीटें हो जाएंगी.


सरकार बनते ही शुरू किया महात्मा गांधी स्कूल
राजस्थान में कॉग्रेंस सरकार ने साल 2019 में सरकार बनने के बाद एज्यूकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए सरकारी स्तर पर अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले थे. प्रदेश की जनता ने सोचा कि जब सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई सही से नहीं होती तो अंग्रेजी मीडियम में क्या होगी. लेकिन पिछले साल 2021 में बच्चों के आसानी से एडमिशन हुए और बच्चों के परिणाम अच्छे आए तो इस साल एडमिशन लेने की बाढ़ आ गई. अब इन स्कूलों में एक-एक सीट पर तीस से चालीस बच्चों की एप्लीकेशन आ रहे हैं. जिसको सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया को लॉटरी सिस्टम में बदल दिया है.


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क्लास को हुईं इतनी सीटें अलॉट 
बता दें कि पूरे प्रदेश भर से इन स्कूलों में एडमिशन के लिए दस लाख से भी ज्यादा आवेदन आए हैं. लेकिन नियमानुसार सीट के आधार पर एडमिशन हुआ है. इसमें क्लास 1 से 10वीं तक 2 मई से 20 मई तक आवेदन प्रक्रिया चली है. वहीं क्लास 1 से 5वीं तक 30 सीट प्रति क्लास और कक्षा 6 से 8वीं तक 35 सीट प्रति क्लास है अलॉट की गई है. जबकि कक्षा 9वीं में 60 सीट और कक्षा 10वीं में 60 सीटों निर्धारित की गई हैं. 


आरटीई एक्ट का उल्लंघन- बीजेपी
रसूखदारों को राजस्थान के राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए सीटें आरक्षित मिलने का मामला अब तूल पकड़ने भी लगा है. पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि 50 लाख रुपये दान करने के बदले रसूखदारों को राजकीय स्कूलों में 10 सीटें आरक्षित करना आरटीई एक्ट के खिलाफ है. राज्य सरकार आमजन और आरटीई एक्ट विरोधी इस निर्णय को समय रहते वापिस ले, नहीं तो इस निर्णय का विरोध करेंगे. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक के बाद एक नियमों से परे जाकर आदेश निकाले हैं. रसूखदारों को सीट आरक्षित करना निश्चित ही आरटीई एक्ट का उल्लंघन है. 


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