Rajasthan Kota Statue of Chambal Mata: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में बन रहे विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट पर दुनिया की सबसे ऊंची 256 फीट की चंबल माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. चंबल रिवर फ्रंट (Chambal River Front) पर कई कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनने वाली दुनिया की सबसे ऊंची चंबल माता (Chambal Mata) की प्रतिमा यहां स्थापित होगी. इस प्रतिमा को जयपुर (Jaipur) में बनाया जा रहा है. अगल-अगल पार्ट में इसका काम होगा और इसे कोटा लाया जाएगा. प्रतिमा का निर्माण मार्बल से किया जा रहा है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 256 फीट होगी. सूत्रों की मानें तो प्रतिमा के करीब 1500 से अधिक पार्ट होंगे जिसमें से 55 पार्ट कोटा में पहुंच चुके हैं, जिन्हे स्थापित करने का कार्य आज से शुरू हो गया है. चंबल माता की प्रतिमा करीब 26 करोड़ की लागत से निर्मित हो रही है और प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब रहेगा. प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है जिसका मुंह कोटा के प्रवेश द्वारा नयापुरा की ओर होगा.
प्रतिमा से पानी का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र
मूर्तिकार निर्मल शर्मा ने बताया कि जयपुर में 100 से अधिक कारीगर इस विश्व स्तरीय प्रतिमा को बेहद खूबसूरत बनाने जुटे हैं. इस प्रतिमा को बड़े खास तरीके से तैयार करवाया जा रहा है. प्रतिमा के नीचे 5 हाथी स्वागत करते नजर आएंगे. करीब 2 फीट के 2 पाइपों के जरिए भारी भरकम पंप से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा, और वहां से पानी का प्रवाह होगा. मूर्तिकार निर्मल शर्मा का दावा है कि ये प्रतिमा जुलाई माह तक पूरी बनकर रिवर फ्रंट में स्थापित कर दी जाएगी और दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.
पूजा के साथ शुरू हुआ काम
चंबल माता की प्रतिमा के करीब 55 पीस आज कोटा पहुंचे और कार्यस्थल पर पूजा की गई. इसी के साथ प्रतिमा को स्थापित करने का कार्य भी शुरू हो गया है. रिवर फ्रंट के डिजाइन अनूप बरतारिया ने कहा कि चंबल रिवर फ्रंट की आत्मा चंबल माता की प्रतिमा है, इसके बगैर सब अधूरा है. आज प्रतिमा स्थापित करने का शुभारंभ होना बड़ी खुशी का समय है. चंबल नदी को कोटा में देवी का दर्जा दिया जाता है और उसको ध्यान में रखते हुए ये विशाल प्रतिमा बन रही है. उन्होंने बताया कि ये प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी, कोशिश है की अगले साल तक इस रिवर फ्रंट को पूरा कर देंगे. पर्यटकों को की भारी भीड़ कोटा आएगी.
ये होंगे मुख्य आकर्षण का केंद्र
फर्स्ट फेज में चंबल रिवर फ्रंट का प्रोजेक्ट देश में नहीं बल्कि दुनिया भर में एक नई और अलग पहचान देगा. इस रिवर फ्रंट में मनोरंजन ज्ञान संस्कृति अध्यात्म के साथ-साथ दुनिया के अलग-अलग देशों की झलक देखने को मिलेगी. महात्मा गांधी की यादों को संजोए यहां गांधी की अस्थि विसर्जन स्थलों को यादगार रूप में विकसित जा रहा है. विश्व के पर्यटन स्थलों के लिए उनके खानपान की व्यवस्था के साथ अनेक देशों की वास्तुकला को एक रूप में प्रसारित किया जाएगा. यहां अलग-अलग घाटों का निर्माण भी हो रहा है. यही नहीं भारतीय जीवन शैली के योग अध्यात्म को ध्यान की शिक्षाओं से जोड़ने के लिए आध्यात्मिक घाटों का निर्माण किया जा चुका है. मुख्य आकर्षण भगवत गीता पर आधारित कई निर्मित प्रतिबंब रिवर फ्रंट पर दिखाई देंगे. फ्रंट पर राजस्थान के विरासत की झलक देखने को मिलेगी जिसमे ऊंट, घोड़े की सवारी का आनंद लेते हुए के कई प्रकार के वास्तुकला नजर आएगी. यहां एक साहित्य घाट भी बनाया जा रहा है जिसमें कवि तुलसीदास, सूरदास, कालिदास, कबीर, मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा की आकृतियां भी दिखाई देंगी.
शहर को बनाया जा रहा है हेरिटेज सिटी
कोचिंग सिटी कोटा जल्द ही हेरिटेज सिटी के लुक में नजर आने लगेगी. चंबल चंबल रिवर फ्रंट के साथ-साथ शहर के कई चौराहे को हेरिटेज लुक में बना दिया गया है. चंबल ब्रिज से नयापुरा चौराहे तक पूरे क्षेत्र को नया बनाने के लिए आसपास के क्षेत्र में जितनी भी बिल्डिंग हैं उनका फ्रंट हेरिटेज लुक में बनाया गया है. इस प्रोजेक्ट को 20 करोड़ में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर न्यास कोटा द्वारा पूरा करने का काम किया जा रहा है. करीब प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. चंबल रिवर फ्रंट तक पहुंचने के लिए मार्गों को भी हेरिटेज लुक दिया गया है.
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