डिग्रियों के मास्टर हैं भीलवाड़ा के रहने वाले शिक्षक योगेश दाधीच, आप भी जानें इनके कारनामे
Rajasthan News: योगेश दाधीच भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले के पुर गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भूगोल (Geography) के लेक्चरर हैं. योगेश विभिन्न यूनिवर्सिटी से 13 विषयों में पीजी कर चुके हैं.
Rajasthan Teacher Yogesh Dadhich: आपने सरकारी स्कूलों (Government Schools) के शिक्षकों को कई आयाम हासिल करते हुए देखा होगा लेकिन आज आपको एक ऐसे शिक्षक से रूबरू करवाने जा रहे हैं जो डिग्रियों के मास्टर बन गए हैं. इस शिक्षक ने अलग-अलग विषय में 13 पीजी डिग्रियां हासिल की हैं. उनके इस अचीवमेंट को इंडियाज बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में भी शामिल किया गया है. शिक्षक योगेश दाधीच (Yogesh Dadhich) भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले के पुर गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भूगोल (Geography) के लेक्चरर हैं. योगेश विभिन्न यूनिवर्सिटी से 13 विषयों में पीजी कर चुके हैं. ये डिग्री आर्ट्स और कॉमर्स दोनों विषय में हैं. अभी 3 सब्जेक्ट में रनिंग हैं. बड़ी बात ये है कि योगेश दाधीच ने 'नेट' भी क्लीयर कर रखी है. 3 विश्वविद्यालयों से एक पीजी डिप्लोमा और 13 विषयों में पीजी डिग्रियां मिल चुकी हैं.
ये हैं सफलताएं
योगेश दाधीच ने बताया कि 2008 में 26 साल के थे तब सरकारी सेवा में चयन हो गया था. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्विद्यालय भोपाल से कंप्यूटर साइंस में पीजी डिप्लोमा कर चुके हैं. संस्कृत साहित्य, हिंदी साहित्य, राजनीति विज्ञान, इतिहास, राजस्थानी, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन और दर्शनशास्त्र में एमए जबकि ईएएफएम में एमकॉम किया. साथ ही अंग्रेजी साहित्य, भूगोल, हिंदी साहित्य, मनोविज्ञान में एमए वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय कोटा से किया. वर्तमान में अलग-अलग विश्वविद्यालयों से वैदिक वाङ्गमय, शिक्षा और अर्थशास्त्र में एमए की परीक्षाएं दे रहे हैं.
गोल्ड मेडलिस्ट हैं पत्नी
योगेश दाधीच ने बताया कि 2015 में पत्नी पूजा के साथ भूगोल में एमए किया. प्रीवियस में पूजा से 10 अंक अधिक मिले. लेकिन फाइनल में पूजा ने अधिक अंक प्राप्त किए और गोल्ड मेडलिस्ट बन गई. योगेश अपनी सफलता का श्रेय पिता पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल दाधीच और माता सेवानिवृत्त वरिष्ठ अध्यापिका बसंता दाधीच को देते हैं.
निजी स्कूलों की होड़ ना करें
एबीपी से बात करते हुए योगेश दाधीच ने बताया कि, ''अभी अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए दौड़ भाग करते हैं लेकिन सरकारी स्कूल कम नहीं हैं. यहां मेरे जैसे कई टेलेंटेड शिक्षक हैं जो हाइली एजुकेटेड है. मैं खुद सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं और ये अचीवमेंट प्राप्त किया है.''
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