Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है. हड़ा गांव में एक महिला को कुत्ते ने काट लिया तो महिला के बेटे ने पुलिस थाने पहुंचकर कुत्ते व कुत्ते को पालने वाले के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में आरोप लगाया है कि हड़ा गांव के भैराराम पुत्र मंगलाराम, श्रीधर (प्रदीप) पिता भेराराम जाति मेघवाल ने पिछले कई सालों से एक कुत्ता पाल कर रखा है. वह कुत्ता भी जंगली प्रवृत्ति का है.
उस कुत्ते को खुला छोड़कर रखा जाता है. कुत्ता बहुत ही खूंखार है कि पिछले कई सालों से कई बार मवेशियों व कई लोगों को काट चुका है. 21 जून की सुबह करीब सात बजे मेरी मां जो कि घर से बाहर निकल कर पास ही में रह रहे मेरे चाचा के घर जा रही थी. इतने में पीछे से कुता आया व काटने लग गया. मगर कुत्ते को पालने वाले घर के सदस्य सामने खड़े देख रहे थे. किसी ने भी बीच बचाव नहीं किया कुत्ते के हमले को देखकर अन्य लोग भाग कर आये नहीं तो कोई बड़ी अनहोनी मेरी मां के साथ हो जाती.
शिकायतकर्ता अमृत पवार ने कहा- कई लोगों को काट चुका है
शिकायतकर्ता अमृत पवार ने बताया कि भैराराम पुत्र मंगलाराम, श्रीधर, प्रदीप पिता भैराराम जाति मेघवाल निवासी ग्राम हढा के निवासी हैं. उनका कुत्ता इतना खूंखार है कि पिछले सालों में कई बार मवेशी में और कई लोगों को काट चुका है.
इन लोगों का घर स्कूल के रास्ते पर होने से छोटे बच्चों को भी कई बार काट चुका है. मंन्दिर मे आने जाने वाले लोगों को भी कई बार काट चुका है. यदि कोई इनकी शिकायत भी देता है तो उनको कोई फर्क नहीं पड़ता व उल्टा लड़ाई झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. समस्या यह है कि स्कूल, मंदिर , आगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन व मेडिकल इसी घर के पास होने व यहीं से रास्ता होने से आये दिन इस कुत्ते के काटने की घटनाएं होती रहती है.
शिकायतकर्ता ने की कार्रवाई की मांग
अमित पवार ने बताया कि यह कुत्ता इतना खतरनाक है कि कभी भी अनहोनी कर सकता है. कोई बड़ा नुकसान भी कर सकता है. कुत्ते ने मेरी मां को भी काट लिया पांव को लहूलूहान कर दिया. आवारा कुत्ते को गांव से कैसे बाहर छोड़ा जाए. साथ ही इन लोगों को पाबंद करते हुए कार्रवाई की जाए. साथ ही भविष्य में इस प्रकार के कुत्तों को नहीं पाला जाए. इस तरह की होने वाली अनहोनी से गांव वालों को बचाया जा सके.
मामले में पुलिस ने दी ये बड़ी जानकारी
जैसलमेर सदर पुलिस थाना सब इंस्पेक्टर मुकेश बेरा ने बताया कि शिकायत को परिवाद में रखा गया है. साथ ही गांव के सरपंच को कुत्ते के निस्तारण के लिए बता दिया गया है. शिकायत में जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है. उन लोगों का पालतू कुत्ता नहीं है. यह आवारा कुत्ता है. इसका निस्तारण सरपंच के द्वारा कर दिया गया है. हालांकि यह मामला दोनों पक्षों में आपसी झगड़े का है. इसलिए उन्ह लोगों के नाम लिखे गए हैं.