Rajasthan News: सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने आगे आए राजस्थानी, एक साल में मिला इतने सौ करोड़ रुपये का दान
Education In Rajasthan: सरकारी स्कूलों को वित्तिय सबंल प्रदान करने और स्कूलों की स्थिति को ओर अधिक बेहतर बनाने के उददेश्य से ज्ञान सकंल्प पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष का निर्माण किया गया है.
सरकारी स्कूलों का नाम आते ही एक इमेज बन जाती थी वैसे स्कूलों की जिसमें किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं.लेकिन वर्तमान में स्थितियां बदल गई हैं. अब राजस्थान के सैकड़ों ऐसे स्कूल है जो निजी स्कूलों को मात देते हैं. हजारों स्कूल ऐसे हैं जो जरूरी सुख सुविधाओं संपूर्ण हैं. लेकिन सवाल आता है कि ऐसा कैसे हुआ,क्या सरकार ने सभी स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च किया.जी नहीं,यह राजस्थान के ही दानदाताओं का कमाल है,जिन्होंने दान देकर स्कूलों को बेहतर दिशा दिलाई.दान भी सामान्य नहीं,राजस्थान के स्कूलों को एक साल में 300 करोड़ रुपए का दान दिया गया है.यह हुआ है ज्ञान संकल्प पोर्टल के जरिए. इसमें राजस्थान के दानदाताओं ने दिल खोलकर दान दिया. इसमें किसी ने राशि दान की तो किसी ने जरूरी वस्तुएं भेंट की.
पहले कितना मिलता था सरकारी स्कूलों को
स्कूलों को सरकारी सहायता की बात करें तो पहले एक साल में एक लाख रुपए भी खर्च के नहीं मिलते थे.इसके साथ ही निर्माण कार्य करवाना होता था तो रमसा से किया जाता था, लेकिन वह भी हर स्कूल तक नहीं पहुंच पाती थी.इस ज्ञान संकल्प पोर्टल ने स्कूलों की सूरत बदल दी है.पिछले एक साल यानी जनवरी 2023 तक करीब 63 हजार स्कूलों को 300 करोड़ रुपए दान में राशि और प्रोजेक्ट आए हैं.हर स्कूल में करोड़ो रुपये की राशि के साथ जरूरी वस्तुएं जैसे फ्रीज,वाटर कूलर,पंखे,टेबल-कुर्सी,खेल के सामान सहित अन्य हैं.
कब लांच हुआ था पोर्टल
राज्य में सरकारी स्कूलों को वित्तिय सबंल प्रदान करने और स्कूलों की स्थिति को ओर अधिक बेहतर बनाने के उददेश्य से ज्ञान सकंल्प पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष का निर्माण किया गया है.स्कूलों की स्थिति सुधारने हेतु ऑनलाइन फंड जुटाने के लिए इस पोर्टल को पांच अगस्त 2017 को लॉन्च किया गया था.राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से संचालित इस पोर्टल के जरिए दानदाता मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के जरिए स्कूलो की कडींशन सुधारने हेतु अपना सहयोग कर सकते हैं.अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक वीरेंद्र यादव ने बताया कि काफी स्कूलों को राशि और जरूरी वस्तुएं दान दी जा रही हैं. इससे बच्चों को शिक्षा में फायदा पहुंच रहा है.
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