Rajasthan Film Industry: राजस्थान की फिल्मों में यहां के कलाकारों को कम काम मिलता रहा है, लेकिन अब यहां के स्थानीय कलाकारों को मजबूती दी जा रही है. इसी कड़ी में 'भरखमा' फिल्म में गंगापुरसिटी जिले के नोहरा गांव के रहने वाले भरत गुर्जर ने बड़ी भूमिका अदा की है. उन्होंने इस फिल्म में आने तक का सफर कड़ी मेहनत से तय किया है. 


भरत गुर्जर ने एबीपी न्यूज से ख़ास बातचीत में बताया कि यहां तक आने का सफर आसान नहीं था. पिछ्ले 13 साल से फिल्मों में आने की मेनहत और संघर्ष जारी है. भरत का कहना है कि राजस्थानी विषय पर बनी फिल्मों में काम करने की इच्छा है. एक पुलिस वाले के रोल से समाज और पुलिस दोनों को और बल मिलेगा. इसलिए अभी बहुत काम करना है. इस फिल्म में सभी पहलुओं पर काम हुआ है. 


पहली फिल्म में दिखाया दम
राजस्थानी फिल्म जगत में लोक कला के प्रचारक भरत गुर्जर ने अपनी पहली फिल्म 'भरखमा' से अभिनय जगत में धमाकेदार एंट्री की है. फिल्म में वे अंजलि राघव के साथ मुख्य भूमिका निभाते हुए नजर आये हैं. फिल्म में भरत गुर्जर ने एक कॉलेज प्रोफेसर का किरदार निभाया है. 


उनका यह किरदार दर्शकों को खूब पसंद आया. हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'भरखमा' का एक क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है. जिसमें दर्शक भरत गुर्जर के अभिनय की खूब तारीफ करते नजर आये हैं.


इन कामों को सराहा गया 
भरत गुर्जर पिछले 13 सालों से 'नोहरा म्यूजिक' के बैनर तले राजस्थानी लोक कला, भाषा और संगीत को बढ़ावा दे रहे हैं. इनके द्वारा बनाए गए गानों पर 37,000 लोगों ने रील बनाया था. अभी नोरहा म्यूजिक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. म्यूजिक प्रोडक्शन कर रहे हैं. लांगुरिया गाने, गुर्जर, रसिया फोक गानों के लिए जाने जाते है, जो फोक पारंपरिक संगीत है. 


फिल्मों में आने से पहले वे मुख्य रूप से निर्माता और निर्देशक के रूप में काम करते थे. गुर्जर ने बताया कि फिल्म के मुख्य अभिनेता श्रवण सागर ने उन्हें इस भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया था. भरत के पिता मानसिंह गुर्जर एक किसान हैं.


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