राजस्थान अपने गौरवशाली इतिहास, भव्य इमारतों, महलों और लजीज व्यंजनों के लिए जाना जाता है. यहां वेज से लेकर नॉन वेज सभी तरह के स्वादिष्ट भोजन मिलते हैं. राजस्थानी लोग खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए घी और मसालों का खूब प्रयोग करते हैं. यहां सुबह होते ही स्वादिष्ट व्यजनों की खूशबू पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने लगता है. राजस्थानी खानों के शौकिन विदेशी सैलानी भी हैं.


राजस्थान घूमने के लिए सबसे परफेक्ट टाइम नवंबर से मार्च है. यहां के पारम्परिक खाने लोगों को दिल जी, लेते हैं. चाहे वो दाल-बाटी-चूरमा हो या गट्टे की सब्जी हो. राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग पकवान मिलते हैं. आज हम आपको ऐसे ही चटपटे और स्वादिष्ट राजस्थानी व्यजनों के बारे में बताने जा रहे हैं. 


दाल-बाटी-चूरमा


राजस्थान की सबसे मशहूर डिश दाल-बाटी-चूरमा मानी जाती है. इसमें मसालेदार दाल, बाटी और मीठा चूरमा होता है. बाटी सामान्यतः बिहार में मिलने वाले बाटी की तरह ही होता है. इसे घी में डीप किया जाता है. इस डिश का दाल, चना, तुवर, मूंग और उड़द का होता है. इसे पंचमेल दाल कहते हैं. चूरमा आटा, रवा, दूध, चीन और बेसन से मिलकर बना होता है. 




लाल मास


अगर आप नॉनवेज खाने के शौकिन हैं तो आपको यह डिश को काफी पंसद आएगा. राजस्थान में यह डिश काफी पंसद किया जाता है. यह मटन होता है जिसमें भरपूर मात्रा में लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसमें प्याज, टमाटर, अदरक-लहसुन का पेस्ट, मिर्च और मसाले डाल कर बनाया जाता है.


गट्टे की सब्जी


राजस्थान की दूसरी मशहूर डिश गट्टे की सब्जी है. यह सामान्यतः बेसन के छोटे-छोटे गोले होतें हैं. इन्हें ही गट्टे कहते हैं. बेसन के इस गट्टे को फ्राई मसालेदार करी में डाला जाता है. गट्टे की सब्जी को रोटी या चावल के साथ खाया जाता है. अगर आप राजस्थान घूमने जा रहे हैं तो यह खाना न भुलिएगा.




मावा कचौड़ी


राजस्थान में मिलने वाली कचौड़ी बिहार और यूपी के कचौड़ी से अलग होती है. यहां  मिलने वाला मावा कचौड़ी हर गली-चौराहों मिल जाती है. यह स्वाद में मीठा होता है. 


मिर्च वड़ा


मिर्च पकौड़ा सामान्यतः मिर्च का पकोड़ा होता है. बड़ी-बड़ी हरी मिर्च के अंदर आलू भरकर इसके ऊपर बेसन के घोल में डुबोकर फ्राई किया जाता है. इसे मीठी या तीखी चटनी के साथ खा सकते हैं. 


प्याज कचौड़ी


राजस्थान में मिलने वाला प्याज कचौड़ी को लोग सुबह नास्ते में खाना पंसद करते हैं. मावा कचौड़ी की यह भी राजस्थान के गली-चौराहों पर मिल जाता है. इसे प्रसाद के तौर पर भी चढ़ाया जाता है. मावा कचौड़ी, मैदा, घी, काजू, मावा और चीनी से मिलकर बना होता है. 


कैर सांगरी


राजस्थान में बनने वाली कैर सांगरी की कैर सांगरी की सब्जी ज्यादा तेल और भरपूर मसाले से बनाई जाती है. राजस्थान में कैर और सांगी के पेड़ पाए जाते हैं. कैर साइज में छोटे-छोटे गोल होते हैं. यह स्वाद में खट्टा-मीठा होता है. इसे बाजरे की रोटी के साथ खाया जाता है. 


बाजरे की राब


राजस्थान की हेल्थी और टेस्टी व्यंजनों में से एक राब है. इसमें आयरन और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है. सर्दी के कारण होने खांसी और जुकाम से यह डिश राहत पहुंचाती है. इस रबड़ी को घी, अदरक, गुड़ और बाजरे से तैयार किया जाता है. 


घेवर


अगर आप मीठे के शौकिन हैं तो आपको घेवर बहुत पंसद आएगा. राजस्थान में खासकर इसे त्योहारों के समय बनाया जाता है. सामान्यतः इसे सावन के महीने बड़े ही चाव से खाया जाता है.  यह देसी घी, मैदा, दूध और चीनी से बनाया जाता है. 


चूरमा लड्डू


राजस्थान में मिलने वाला चूरमा लड्डू गेहूं के आटे, गुड़ और देसी घी से मिलकर बनता है. लड्डू बनने के बाद इसे खसखस के साथ गार्निश किया जाता है. 


बादाम का हलवा


राजस्थान की शाही मिठाईयों में  से एक बादाम का हलवा भी है. इसे बादाम, चीनी, इलाइची पाउडर और देशी घी की मदद से बनाया जाता है. बादाम का हलवा अक्सर शादी या बर्थ डे पार्टी में सर्व किया जाता है.  


अगर आप मीठे के शौकिन हैं तो आपको घेवर बहुत पंसद आएगा. राजस्थान में खासकर इसे त्योहारों के समय बनाया जाता है. सामान्यतः इसे सावन के महीने बड़े ही चाव से खाया जाता है.  यह देसी घी, मैदा, दूध और चीनी से बनाया जाता है. 


बादाम का हलवा


राजस्थान की शाही मिठाईयों में  से एक बादाम का हलवा भी है. इसे बादाम, चीनी, इलाइची पाउडर और देशी घी की मदद से बनाया जाता है. बादाम का हलवा अक्सर शादी या बर्थ डे पार्टी में सर्व किया जाता है.  


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