Rajasthan News: राजस्थान वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने की मांग पूरी होती नजर आ रही है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की पहल पर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने भारत सरकार को पत्र लिखा है.
पत्र में उन्होंने गृह सचिव गोविंद मोहिल से राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की है. बता दें कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए प्रदेश में आवाज उठती रही है.
मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में और भाषाओं को सम्मिलित करने एवं वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश में विभिन्न भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पात्र बताया गया है.
समिति की सिफारिश गृह मंत्रालय में विचाराधीन है. वहीं, राजस्थानी भाषा को अब तक भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया. इसलिए राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की कार्यवाही के संबंध में यथोचित आदेश प्रदान किए जाए.
राजस्थानी भाषा पर संकल्प पारित कर चुकी है विधानसभा
गौरतलब है कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का संकल्प विधानसभा 3 सितंबर 2003 को पारित कर चुकी है. अब भारत सरकार के स्तर पर मंजूर किया जाना रह गया है. राजस्थान सरकार ने काम शुरू कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि अगले साल तक मुहर लग सकती है. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए वर्षों से मांग उठती रही है. कई बार आंदोलन भी हो चुका है. अब सरकार इस विषय पर काम कर रही है. बता दें कि मातृभाषा राजस्थानी का मुद्दा प्रदेश की अस्मिता और जनभावना से जुड़ा है. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने से राजकाज सुगम हो जाएगा. शिक्षा मंत्री की पहल जल्द रंग ला सकती है.
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