Rajasthan News: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) की शपथ ली. देश के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के पिता वाई वी चंद्रचूड़ ने सीजेआई रहते राजस्थान में अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पहल की थी. उस दौरान स्वच्छ छवि नहीं होने के कारण 18 न्यायिक अधिकारियों को सेवा से निकालकर सख्त संदेश दिया गया था.


राजस्थान से है कनेक्शन
सीनियर चंद्रचूड़ (वाई वी चंद्रचूड़) सीजेआई रहते तीन बार राजस्थान आए थे. मामला उस समय का है, जब के डी शर्मा राजस्थान में मुख्य न्यायाधीश थे. वरिष्ठ न्यायाधीशों में टकराव था और राजस्थान की न्यायपालिका विभाजित दिख रही थी. उन दिनों यहां न्यायाधीशों की नियुक्तियां अटकी हुईं थी और अधीनस्थ न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार का दाग लग रहे थे. अराजकता जैसी स्थिति के कारण जयपुर में अधीनस्थ न्यायालय परिसर को चंबल की घाटी कहा जाने लगा था. तब तत्कालीन सीजेआई सीनियर चंद्रचूड़ जयपुर में दी बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भी आए. बार कौंसिल ऑफ इंडिया के तत्कालीन सदस्य वी एस दवे व दी बार एसोसिएशन जयपुर के प्रतिनिधियों ने सीनियर चंद्रचूड़ को राजस्थान में न्यायपालिका की स्थिति से अवगत कराया. 


जोधपुर और भरतपुर भी आए
मामला जानकारी में आने पर सीनियर चंद्रचूड़ ने स्थिति पर कटाक्ष किया. उसके बाद पी के बनर्जी राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. कुछ समय बाद दवे को हाईकोर्ट न्यायाधीश बनाया गया, राजस्थान की अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार चिन्हित करने के लिए उन सहित 5 न्यायाधीशों की कमेटी बनाई गई. कमेटी ने रेकॉर्ड का निरीक्षण किया और उसकी सिफारिश पर 18 न्यायिक अधिकारी सेवा से निकाले गए. सीनियर चन्दचूड़ सीजेआई रहते जयपुर के अलावा जोधपुर और भरतपुर भी आए थे.


जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे
बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे. जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, यानी करीब 7 साल रहा. उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त होंगे. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं. वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं.


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