Rajasthan Politics: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं, बच्चियों के साथ अनाचार, अत्याचार, उत्पीड़न और रेप की घटनाएं चरम पर हैं. प्रदेश के किसी भी कोने में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. यहां बिजली कटौती का संकट बना हुआ है और अघोषित बिजली कटौती के कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से किसान वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज बिजली के तीनों डिस्कॉम घाटे में चल रहें है, सरकार खुदके थर्मल पावर प्लांट बंद करके प्राइवेट कंपनियों से महंगी बिजली खरीद रही है. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर है कि आम जनता का काम बिना पटवारियों को कमीशन दिए नहीं होता है.
'पांच साल चली कुर्सी की लड़ाई'
कांग्रेस सरकार 2018 के चुनाव में किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने का वादा करती है, लेकिन जब सत्ता में आती है तो कर्जमाफी का वादा भूल जाती है. युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था. उसके लिए बनाई गई कल्ला कमेटी की रिपोर्ट आज तक नहीं आई है. वादा कर्जमाफी का किया और बदले में किसानों की जमीनें नीलाम हो गईं और खाते एनपीए हो गए हैं.
कांग्रेस सरकार में कुर्सी की लड़ाई पूरे पांच साल चली है. इनके यहां दो टीमें बनी हुई हैं, टीम-ए और टीम-बी. इनके बीच हमेशा लड़ाई चलती रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ किया है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है. सभी भर्तियों के पेपर लीक हुए हैं ऐसे में लाखों युवाओं का भविष्य चौपट हो गया. जयपुर में धरने पर बैठी वीरांगनाओं को घसीटकर वहां से उठाया गया था.
'किसानों का कर्ज माफ़ नहीं हुआ'
राठौड़ ने कहा कि मार्च 2023 को विधानसभा में तारांकित प्रश्न के उत्तर में सरकार ने स्वयं स्वीकारा कि 30 नवंबर 2018 को राष्ट्रीयकृत बैंक, शेडयूल्ड बैंक और आरआरबी के ऋणी 3 लाख 49 हजार 257 कृषकों की NPA राशि 6 हजार 18 करोड़ 93 लाख रुपये थी. इसमें से 5 हजार 638 करोड़ 47 लाख रुपये का ऋण माफ होना था लेकिन अब तक उक्त बैंकों का कर्जा माफ नहीं हुआ है. इस राशि पर ब्याज व चक्रवृद्धि ब्याज लगने से यह अब 12 हजार करोड़ को पार कर गई है.