Rajasthan News in Hindi: जयपुर ग्रामीण पुलिस ने बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) को एक एनआरआई (NRI) डाक्टर के गोविंदगढ़ स्थित अस्पताल और जमीन कब्जाने में शामिलक माना है.एक एक साल पुराने इस मामले में गुढ़ा का पीए,पीए के साले औरक जयपुर का एक बिल्डर पहलेक ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.जांच में गुढ़ा का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने फाइल को गत सप्ताह ही सीआईडी में भेजने का निर्णय किया था. आईजी जयपुर रेंज के यहां से फाइल कुछ दिन पहले ही सीआईडी पहुंची है.


क्या है पूरा मामला 


यह मामला गोविंदगढ़ के बलेखन गांव का है.यहां अफ्रीका में रह रहे डॉक्टर बनवारी लाल मील का बीएल मील अस्पताल है. उन्होंने कामकाज के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी मानसरोवर निवासी निर्मल कुमार को दी थी.यहां 20 अगस्त, 2022 को कई लठैत अचानक कब्जा करने पहुंचे.इसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से 14 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें गुढ़ा के पीए के साले अभय सिंह भी था.


मामले की तफ्तीश पहले थाना स्तर पर की गई.इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण धर्मेंद्र यादव को दी गई. तफ्तीश में सामने आया कि निर्मल ने बिना चिकित्सक को बताए साजिश के तहत बिल्डर सत्यनारायण गुप्ता की कम्पनी के नाम किराए की लीज डीड तैयार की.अस्पताल और करीब दस बीघा जमीन का एक साल का किराया मात्र 70 हजार रुपये बताया गया. कुछ माह बाद इसकी लीज डीड अभयसिंह के नाम की गई थी.


जांच में पुुलिस को क्या पता चला


पड़ताल में सामने आया कि लठैतों को अभय सिंह और लोकेन्द्र उर्फ लक्की लेकर आया था. उन्हें तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने भेजा था. अभय गुढ़ा के पीए दीपेन्द्र सिंह के साले हैं. मामले में निर्मल और अभय सिंह के बाद दीपेन्द्र को भी गिरफ्तार किया गया था.इनसे पूछताछ के बाद सत्यनारायण गुप्ता को गिरफ्तार किया गया. गुढ़ा का नाम आने के बाद फाइल को सीआईडी भेजने का निर्णय लिया गया. जांच अधिकारी की टिप्पणी के बाद फाइल आईजी कार्यालय भेजी गई थी.


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