Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर बीजेपी के समर्थन में लाल डायरी वाले राजेंद्र गुड्डा की एंट्री हो चुकी है. इस बीच चुनाव प्रचार के दौरान राजेंद्र गुढ़ा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चर्चित लाल डायरी वाले राजेंद्र गुढ़ा सोमवार (22 अप्रैल) को बीजेपी प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी के समर्थन में प्रचार करने के लिए जालोर पहुंचे. यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. 


जालोर में प्रचार के दौरान ने राजेंद्र गुढ़ा ने मीडिया से कहा कि "मैंने दो बार अल्पमत की सरकार को बहुमत दिलाया. 6-6 विधायक दिए और सरकार बनाने और बचाने में मदद की. मैंने सोचा था कि सरकार बची तो जनता का भला होगा, लेकिन मुझ पर ही कई मुकदमे लगा दिए गए. सीएम ने पुलिस, एसओजी, एसीबी का दुरुपयोग किया. मैंने बातें सामने रखी तो मुझे निराशा हताशा हाथ लगी. मुझ पर 6-7 मुकदमे लगा दिए."


"सीएम हाउस से आती थी इंटरव्यू की लिस्ट"
राजेंद्र गुढ़ा ने आगे कहा कि "आरपीएससी का बेड़ा गर्क कर दिया गया. नौजवानों का भविष्य खराब हो गया. पूर्व कांग्रेस सरकार में पेपर लीक हुए. सीएम निवास से इंटरव्यू की लिस्ट निकलती थी. लिस्ट में जिनका नाम होता था, उनका चयन हो जाता था. बाकी गरीब के बच्चे मेहनत करने के बाद भी फेल हो जाते थे. पीसीसी चीफ डोटासरा ने आरपीएससी को नाथी का बाड़ा बना दिया."


गुढ़ा ने कहा, "गहलोत 15 साल राजस्थान के सीएम रहे. उन्होंने जालोर के लिए क्या किया? अब जालोर याद आ रहा है. जोधपुर में वैभव को नकार दिया गया, साथ ही पूरे प्रदेश में जनता ने नकार दिया. जोधपुर में वैभव गहलोत बड़ी लीड से हारे थे, तो वो अब जालोर आ गए. मैं अशोक गहलोत को नजदीक से जानता हूं. पिछले चुनाव में मैंने आरसीए के चुनाव में वैभव पर आरोप लगाए थे. लाल डायरी के जरिए फैक्ट रखे थे. बदले में मेरे बंगले पर पुलिस भेजी गई थी. अशोक गहलोत का काम है मैनेजमेंट करना, भ्रष्टाचार करना, अपनी कुर्सी बचाना."


"जातिगत जनगणना की याद अब क्यों आ रही?"
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, "राहुल गांधी सामाजिक न्याय की बात करते हैं. जातिगत जनगणना के आंकड़े कांग्रेस ने आउट क्यों नहीं किए. राहुल गांधी के पिता, दादी, परनाना प्रधानमंत्री रहे. 60 साल तक क्यों जातीय जनगणना नहीं की."


गुढ़ा ने आगे कहा कि 'अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को भी ठेंगा दिखा दिया. पर्यवेक्षकों को बेरंग लौटा दिया था. इनके छलावे में न आएं. लाल डायरी में सीएम के ओएसडी की धर्मेंद्र राठौड़ से बात थी. ओएसडी कह रहे थे कि सारी बातें रिकॉर्ड हैं.'


(हीरालाल भाटी की रिपोर्ट)



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