Alwar Temple Demolition News: राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में पिछले दिनों 300 साल पुराने देवालय सहित दो मंदिरों, मकानों और दुकानों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया था. अब इस मामले में राजस्थान सरकार ने मंदिर तोड़े जाने पर कार्रवाई करते हुए राजगढ़ अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) केशव कुमार मीणा, राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया और नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी बनवारी लाल मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
क्या बोले केशव कुमार मीणा?
निलंबन के बाद एसडीएम केशव कुमार मीणा का बयान आया है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि "हम सरकार के नुमाइंदे हैं और सरकार के आदेशों से ही कार्य होते हैं. अब मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूं. सरकार के जो आदेश होंगे उसका पालन किया जाएगा. मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और जांच चल रही है."
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हाई केर्ट का दरवाज़ा खटखटाऊंगा- पालिका बोर्ड अध्यक्ष
साथ ही राजस्थान सराकर द्वारा निलंबित किए गए राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया ने कहा कि, "राजस्थान सरकार द्वारा किया गया ये निलंबन गलत है. चेयरमैन और बोर्ड की इसमें कोई भी भागीदारी नहीं है. बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में कभी किसी मंदिर को तोड़ने का उल्लेख नहीं किया. मैं उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाऊंगा."
बता दें कि इस कार्रवाई के बाद से राजनीतिक हलकों में घमासान जारी है. एक तरफ बीजेपी प्रदेश व्यापी आंदोलन की योजना बना रही है तो वहीं कांग्रेस भी जमकर निशाना साध रही है. वहीं अलवर के कलेक्टर ने भी कहा कि तोड़े गए मंदिरों का उसी स्थान पर पुननिर्माण कराया जाएगा. जबकि नगर पालिका के सभापति और मंदिर को ध्वस्त करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर, मकान और दुकानें ढहाने का फैसला नगर पालिका बोर्ड की मीटिंह में लिया गया था इस बारे में जिला प्रशासन को पूरी तरह अनभिज्ञ रखा गया.