राजस्थान उपचुनाव: राजकुमार रोत को होगी मुश्किल? महाराष्ट्र CM और BAP विधायक की मुलाकात ने बढ़ाई सरगर्मी
Rajasthan Bye Election 2024: जब राजकुमार रोत के विधायक की तस्वीर महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे के साथ वायरल हुई, तो कई कयास लगाए जाने लगे. हालांकि, बाप पार्टी का कहना है कि ये मुलाकात पुरानी है.
Rajasthan Bye-Election 2024: राजस्थान में 6 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उससे पहले ही एक बड़े 'राजनीतिक' खेले की तैयारी हो रही है. दरअसल, प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) विधायक थावरचंद मीणा की महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) से मुलाकात हुई है. इसके बाद से कई समीकरण बनाये जा रहे हैं.
राजस्थान में बसपा (BSP) के दो और एक निर्दलीय विधायक ने पहले ही एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है. उन सभी ने महाराष्ट्र के सीएम को समर्थन दिया है. वहीं, बाप विधायक थावरचंद की इस मुलाक़ात को बहुत बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि दो सीटों सलूंबर और चौरासी पर बाप के नेता और सांसद राजकुमार रोत मजबूती से तैयारी कर रहे हैं.
राजकुमार रोत की पार्टी ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की पूरी तैयारी कर ली है. ऐसे में अगर उनकी पार्टी के ही विधायक दूसरे दल के नेता से मुलाकात कर रहे हैं तो यहां बाप के लिए 'संकट' खड़ा हो सकता है.
बड़ा खेला होने वाला है ?
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) August 30, 2024
बाप पार्टी के धरियावद से विधायक थावर चंद ने मुम्बई में सीएम एकनाथ सिंदे से मुलाकात की है. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं . @mieknathshinde pic.twitter.com/eDHPNTmIxI
जून में सीएम शिंदे से मुलाकात होने का दावा
जब बाप विधायक की महाराष्ट्र सीएम से मुलाक़ात की तस्वीर आई तो इस फोटो पर कई सवाल खड़े होने लगे. पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह मुलाकात पुरानी है. अभी इसकी जांच चल रही है. वहीं, शिवसेना से जुड़े पुख्ता सूत्रों का कहना है कि यह मुलाकात पुरानी नहीं है. यह जून में हुई है, जिसके कई प्रमाण है. वहीं, जब विधायक से संपर्क किया गया तो बात नहीं हो सकी.
क्या है आगे का प्लान?
भारत आदिवासी पार्टी के पास अभी राजस्थान में 3 विधायक और एक सांसद हैं. राजस्थान में बसपा के दोनों विधायक पहले ही शिवसेना के साथ जा चुके हैं. वहीं, निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत भी शिवसेना के साथ हैं. अगर, बाप के ये विधायक शिवसेना के साथ जाते हैं तो राजकुमार रोत की पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है.
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