Rajasthan Online Fraud: राजस्थान के राजसमंद जिले के राजनगर थाना पुलिस ने ऑनलाइन ठगी का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है, जिसमें 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है. इस मामले में 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की धोखाधड़ी होने की संभावना है. कोर्ट में चालान पेश करने के बाद राज्य स्तरीय एजेंसी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) जांच कर रही है. ठगों ने तकनीकी तरीको से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया, तो पुलिस भी तकनीकी सहारा लेते हुए आरोपियों तक पहुंची. मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और 5 की पुलिस लगातार तलाश कर रही है.
गेमिंग एप के जरिये करते थे धोखाधड़ी
राजनगर थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि थाने में 16 अप्रैल को एसबीआई बैंक के कर्मचारी राज्यावास ने केस दर्ज करवाया था. जसमें कहा गया था कि "धोखे में रखकर करंट खाता खुलवाकर एक करोड़ 16 लाख 25 हजार 657 रुपए की ऑनलाइन ठगी कर गेमिंग एप के जरिए करीब 3 हजार लोगों से पैसे ऐंठे." पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि ठग गरीब और परिचित लोगों को लोन दिलाने के बहाने बैंक खाता खुलवाते हैं और उनकी बैंक संबंधित दस्तावेज अपने पास रख लेते हैं. वे झांसा देते रहते है कि तकनीकी कारणों से लोन पास नहीं हुआ है. इसके बाद इन्हीं दस्तावेजों को मुम्बई में ठगों को 50 हजार से 10 लाख रुपए तक में बेचते हैं.
1000 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी
उन्होंने आगे बताया, ठग गेमिंग एप के जरिये अन्य लोगों को झांसे में लेते और उनसे ठगी गई रकम खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते. यह मामला भी इसी तरह से सामने आया कि एक युवक लोन नहीं मिलने पर बैंक पहुंचा तो पता चला कि उसके खाते में 1.16 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है. केवल इसी एक खाते में 3080 लोगों से ठगी गई राशि का लेनदेन हुआ, जो एक चौकाने वाला मामला है. शुरुआती जांच में पाया गया कि 9 लोगों ने 6 बैंक अकाउंट खातों से करीब तीन करोड़ 85 लाख 44 हजार 657 रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी की है. इसी तरह बड़ी संख्या में खाते खुले और उन्हें बेच दिए गए, जिससे 1000 करोड़ से भी ज्यादा की धोखाधड़ी की संभावना जताई जा रही है.
मुम्बई में फिल्म बनाने पर हुआ था घाटा
इंस्पेक्टर हनवंत सिंह ने बताया कि वारदात का मास्टर माइंड किशनलाल जैन राजसमंद के खमनोर का रहने वाला है, जो मुम्बई के रह रहा था. उसने सोने-चांदी की दुकान खोल रखी थी, जिसकी आड़ में वो ठगी करता था. मास्टर माइंड किशनलाल जैन ने वर्ष 2012-13 में एक फिल्म बनाई जिसमें उसने 17 करोड़ रुपए लगाए, इसमें उसको घाटा हो गया.
इसके बाद किशनलाल ने मुंबई में ज्वैलरी की दुकान खोलकर दुकान की आड़ में लोगों से पैसा लेता और फर्जी काम करवाता. किशनलाल एक साल से फर्जी बैंक खातों से पैसा निकाल कर देने वाले को पैसा देता रहता है, जो आगे अलग-अलग फिल्मों में इन्वेस्ट करता है. जैन दुकान में काम करने वालों के परिचितों के नाम से बैंक खाते खुलवा कर धोखाधड़ी से हड़पी गई राशि को उन बैंक खातों में जमा करवा देता था.