Rajsamand जिले में वोटिंग से 5 गांवों में शराबबंदी, छठें ग्राम पंचायत के लिए ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
Rajasthan: शराबबंदी की यह अलख राजस्थान में सबसे पहले राजसमन्द जिले से ही शुरू हुए थी. यहां काछबली पंचायत में वोटिंग के माध्यम से सबसे पहले शराबबंदी हुई. इसके बाद पांच पंचायतों में शराबबंदी हुई.
Rajasthan News: देशभर में वार्ड से लेकर लोकसभा चुनाव तक सभी में वोटिंग प्रक्रिया होती है जिसमें हम हमारे जनप्रतिनिधि को चुनते हैं, लेकिन कभी आपने सुना है कि शराबबंदी (Prohibition) के लिए वोटिंग प्रक्रिया हुई है. ऐसा राजस्थान के राजसमन्द (Rajsamand) जिले में हो रहा है. यहां पांच ग्राम पंचायतों को तो लोगों ने वोटिंग के माध्यम से शराब मुक्त कर दिया है और अब इसकी अलख आगे बढ़कर छठी पंचायत तक पहुंच चुकी है. यहां उस ग्राम पंचायत के लोग एकत्रित हुए और कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है जिसमें ग्राम पंचायत में शराबबंदी की मांग की गई है. दरअसल, राजसमन्द कलेक्ट्री पर आज सुबह कई महिलाएं और उनके साथ पुरुष एकत्रित हुए. इनके हाथ मे ज्ञापन और चेहरे पर आक्रोश था. यह सभी राजसमन्द शहर के पास पसुन्द पंचायत से आए थे और इनकी मांग थी कि पंचायत में शराब बंदी कर दी जाए.
सरपंच अयान जोशी ने बताया कि कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को सभी ग्राम पंचायतवासियों ने ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग रखी गई है कि ग्राम पंचायत में शराबबंदी को लेकर अभियान छेड़ा गया है. यहां शराब की लत के कारण व्यक्ति खुद और परिवार को बर्बाद कर रहे हैं. आबकारी विभाग द्वारा एक ठेका आवंटन किया जाता है, लेकिन ठेकेदार द्वारा किराने की दुकान सहित अन्य जगह शराब बेची जाती है. इनकी मांग है कि ग्राम पंचायत में ठेके का आवंटन नहीं किया जाए और पूर्णतया शराबबंदी हो.
1700 लोगों ने दिया समर्थन, अब होगी वोटिंग
सरपंच अयान जोशी ने बताया कि ग्राम पंचायत में 2,800 मतदाता हैं, जिसमें से ज्ञापन में करीब 1,700 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. इसे कलेक्टर को सौंप दिया गया है. अब कलेक्टर कमेटी बैठाएंगे और हस्ताक्षर का सत्यापन करेंगे. सत्यापन के बाद वोटिंग की तारीख तय होगी. 51% मतदाताओं ने शराबबंदी के पक्ष में वोट डाला तो शराबबंदी हो जाएगी. बता दें कि शराबबंदी की यह अलख राजस्थान में सबसे पहले राजसमन्द जिले से ही शुरू हुए थी. यहां काछबली पंचायत में वोटिंग के माध्यम से सबसे पहले शराबबंदी हुई. इसके बाद अलख आगे बढ़ती गई और पांच पंचायतों में शराबबंदी हुई.