Diwali 2023: दिवाली पर श्रीनाथजी मंदिर में हुआ अन्नकूट महोत्सव, रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजा सांवलिया सेठ का दरबार
Rajsamand: राजसमंद जिले नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में दिवाली, अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव हुआ. इस महोत्सव का जिस परंपरा के तहत निर्वहन होता है, वह 350 साल पुरानी है.
![Diwali 2023: दिवाली पर श्रीनाथजी मंदिर में हुआ अन्नकूट महोत्सव, रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजा सांवलिया सेठ का दरबार Rajsamand Nathdwara Annakoot Mahotsav held in Shrinathji Temple And grand lighting in Chittorgarh Sanwaliya Seth on Diwali Ann Diwali 2023: दिवाली पर श्रीनाथजी मंदिर में हुआ अन्नकूट महोत्सव, रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजा सांवलिया सेठ का दरबार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/14/d728842157d69a1aa978522d794007061699932927150658_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rajasthan News: दिवाली (Diwali) त्योहार देश भर में धूमधाम से मनाया गया. कई जगहों पर इस त्योहार को मनाने का तरीका अलग-अलग था. मेवाड़ की बात करें तो यहां देश भर में प्रसिद्ध दो कृष्ण धामों में पांच दिवसीय महोत्सव मनाया गया. कहीं पर 350 साल से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया गया. कहीं पर पांच दिनों तक अलग अलग कार्यक्रम हुए, जिसमें खूबसूरत लाइटिंग की गई. जिन दो बड़े कृष्ण धाम की हम बात कर रहे हैं, उनमें से एक है उदयपुर (Udaipur) संभाग के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जिले के मंडफिया स्थित सांवलिया सेठ (Sanwaliya Seth Temple) धाम.
वहीं दूसरा है राजसमंद (Rajsamand) जिले में नाथद्वारा स्थित श्रीनाथ प्रभु (Shrinathji Temple) धाम. दोनों जगहों पर दीपोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही. राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में दिवाली, अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव हुआ. इस महोत्सव का जिस परंपरा के तहत निर्वहन होता है, वह 350 साल पुरानी है. इसमें गोशाला की गायों को मंदिर में आमंत्रित किया जाता है. इस रस्म को कान्ह जगाई रस्म कहा जाता है. इसमें गायों के कान में अन्नकूट महोत्सव में बुलावे के लिए आमंत्रण दिया जाता है. इसमें अन्नकूट भोग झांकी के दर्शन और फिर प्रसादी लूट उत्सव भी हुआ.
सांवलिया सेठ मंदिर में की गई भव्य लाइटिंग
यही नहीं गोशाला से गायों को लेकर ग्वाले श्रीनाथजी मंदिर पहुंचे और इसके बाद शाम मंदिर में गायों की पूजा की गई. बाद में ग्वालों की खेखरा रस्म भी की. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में भी दिवाली पर्व पर विशेष भव्य लाइटिंग का नजारा देखने को मिला. हालांकि यह लाइटिंग करोड़ों रुपये में जन्माष्टमी पर्व पर ही लगाई गई थी. वहीं दिवाली को देखते हुए मंदिर में भी विशेष व्यवस्था की गई थी. विशाल मंदिर पर अलग-अलग रंगों की भव्य लाइटिंग की गई थी. यहां भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे और विशेष आरती में शामिल हुए.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)