Rajsamand: नाथद्वार की प्रसिद्ध गौ क्रीड़ा के लिए करना होगा इंतजार, 2 नवंबर को मनेगा खेखरा
इस बार श्रीनाथ मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन नहीं होगा खेखरा का महोत्सव, यह महोत्सव 2 नवंबर को होगा. साथ ही अन्नकूट की प्रसादी भी तब ही होगी.
Rajasthan News: राजस्थान के राजसमन्द (Rajsamand) के श्रीनाथ की नगरी नाथद्वार में प्रसिद्ध श्रीनाथ मंदिर (Shrinathji Temple) है. जहां लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. यहां के प्रसिद्ध महोत्सव में एक दीपावली के बाद अन्नकूट का होता है. खेखरा के दिन हजारों भक्तों के बीच यहां गायें गलियों में दौड़ती नजर आती है. वहीं इस बार इस महोत्सव के लिए भक्तों को इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि यह महोत्सव 24 अक्टूबर दीपावली के अगले दिन ना होकर 2 नवंबर को होगा. साथ ही अन्नकूट की प्रसादी भी तब ही होगी.
ऐसे होती है गौ क्रीड़ा
नाथद्वारा के गलियों में होने वाली गौ क्रीड़ा का महोत्सव काफी खास है. मंदिर की परिक्रमा लगाने के बाद गौ क्रीड़ा की शुरुआत होती है. इससे पहले गलियों के रास्तों पर बांस की लकड़ियों से बैरिकेडिंग कर दी जाती है. ग्वालों और गायों की क्रीड़ा के लिए बीच में जगह छोड़ी जाती है. वेशभूषा धारण किये ग्वाल-बाल कुंपी से गायों को उकसाते हैं और फिर गाय भागती है. बैरिकेडिंग में खड़े सभी भक्त गायों को छूकर आशीर्वाद लेते हैं. इस क्रीड़ा को देखते हुए बड़ी संख्या में जनसमुदाय एकत्र होता है. घरों की छत पर चढ़कर लोग इस क्रीड़ा को देखते हैं. अन्नकूट की विशेष प्रसादी भी होती है जो काफी प्रसिद्ध है.
यह कारण है देरी का
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के चलते इस बार दीपोत्सव पांच के बजाय छह दिन का होगा. चतुर्दशी युक्त आमवस्या में दीवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा यानी रूप चतुर्दशी भी इसी दिन रहेगी. खंडग्रास सूर्यग्रहण के चलते श्रीनाथजी मंदिर में दीपावली के अगले दिन होने वाले गोवर्द्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रम आगे स्थगित किए गए. यह कार्यक्रम श्रीनाथ मंदिर में 2 नवम्बर को होगा. माना जाता है कि ग्रहण होने के कारण ठाकुरजी का भोज शुद्ध नहीं होता है. इसलिए ठाकुरजी सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं.
गुजराती टूरिस्ट का पड़ सकता हैं असर
पर्यटन शहर उदयपुर में बड़ी संख्या में गुजराती टूरिस्ट आते हैं. इसमें भी पूरे साल में सबसे ज्यादा दीपावली के अगले दिन से 7 दिन तक. शहर में महौल यह हो जाता है कि होटल में कमरें खाली नहीं मिलते और सड़कों पर गुजराती वाहन नजर आते हैं. गुजराती नाथद्वार में अन्नकूट के लिए आते हैं और फिर उदयपुर में छुट्टियों का आनंद लेते हैं. इस बार अन्नकूट 2 नवंबर को है ऐसे में उदयपुर में गुजराती टूरिस्ट कैसे और कब आएंगे इस पर असमंजस है. हालांकि, टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि जो घूमने के अनुसार आने वाले हैं वह आएंगे लेकिन जो अन्नकूट के लिए आते हैं वह उसी दिन आएंगे.