Rajsthan: भरतपुर के कच्चा परकोटा पर रहने वालों को जमीन का पट्टा मिलना लगभग तय, लोगों में खुशी
Kachcha Parkota : लोगों ने धीरे-धीरे कच्चा परकोटा पर अतिक्रमण शुरू कर दिया. वहां पर मकान बना लिए गए हैं. अब कच्चा परकोटा पर 2000 परिवार रह रहे हैं. ऐसे लोग जमीन का मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं.
Bharatpur Kachcha Parkota : भरतपुर शहर के कच्चा परकोटा पर रहने वाले लोगों को अब जमीन का पट्टा मिलना लगभग तय हो गया है. कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह (Visvendra Singh) के पत्र लिखे जाने के बाद शुक्रवार (13 जनवरी) को ही जयपुर में यहां के निवासियों की बैठक प्रशासन के साथ होनी है. इससे यहां रहने वाले लोगों में अब खुशी की लहर है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें पट्टा मिल जाएगा.
2000 परिवार रहते हैं कच्चा परकोटा पर, कैबिनेट मंत्री ने लिखा पत्र
दरअसल, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कच्चा परकोटा पर रहने वाले लगभग 2000 परिवारों को धारा 69A के तहत पट्टा देने के लिए स्वायत शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखा था. उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से ऐसे परिवारों को पट्टा देने को कहा था. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने लिखा था कि भरतपुर के कच्चा परकोटा पर काबिज आम जनता को राजस्थान नगरपालिका अधिनियम - 2009 की धारा 69A के तहत पट्टा जारी किया जाए. मंत्री ने लिखा है की भरतपुर शहर के कच्चे परकोटे पर निवास करने वाले लगभग 2000 गरीब, मजदूर, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और कम आय वर्ग के लोगों को प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के तहत पहले जारी किये गए पट्टों के समान ही न्याय प्रदान करते हुए पट्टे जारी करने के आदेश दें.
कैबिनेट मंत्री को पत्र लिखने के लिए जताया आभार
कच्चा परकोटा संघर्ष समिति के संयोजक इंद्रजीत भारद्वाज ने बताया कि भरतपुर के महाराजा और राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर की जनता के सुख दुःख में साथ खड़े रहते हैं. अब मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने स्वायत शासन विभाग के मंत्री को पत्र लिखा है. कैबिनेट मंत्री के पत्र को देखते हुए स्वायत शासन विभाग ने हमें जयपुर बुलाया है, जहां हमारी वार्ता होगी. हमें उम्मीद है कि मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पत्र लिखने के बाद अब जल्द ही हमे पट्टे मिल जाएंगे.
रियासतकाल में शहर के चारों ओर बना था कच्चा परकोटा
राजस्थान के भरतपुर शहर में चारों तरफ कच्चा परकोटा बना हुआ है. इसे यह रियासतकाल में भरतपुर की सुरक्षा के लिए बनाया गया था. लेकिन, 1947 में देश के आजाद होने के साथ ही राजाओं के राज चले गए. इसके बाद लोगों ने धीरे-धीरे कच्चा परकोटा पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया. अब तो वहां पर पक्के मकान भी बना लिए गए हैं. अब कच्चा परकोटा पर लगभग 2000 परिवार अपने मकान बनाकर रह रहे हैं. ऐसे लोग अब कब्जा की गयी जमीन का मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं.
लंबे समय से मांग कर रहे थे यहां पर रहने वाले लोग
जानकारी हो कि कच्चा परकोटा पर रहने वाले लगभग 2000 परिवार काफी लम्बे समय से पट्टे की मांग कर रहे थे. लेकिन,अभी तक उनलोगों की मांगों को नजरअंदाज किया जाता रहा है. हालांकि, इसके लिए सरकार ने शहरी प्रशासन के साथ अभियान भी चलाया. लेकिन, इसके बाद भी ऐसे लोगों को पट्टा नहीं मिल सका है.
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