Jaipur News : गुलाबी नगरी जयपुर का आसमान शनिवार को मकर संक्रांति पर रंग-बिरंगी पतंगों से ढंक गया. यहां पर लोगों ने खिली धूप में मकर संक्रांति का त्योहार उत्साह से मनाया. दिनभर जयपुर के आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें कुलांचे भरती रहीं और छतों से 'वो काटा वो काटा' का शोर गूंजता रहा।
श्रद्धलुओं ने सरोवरों में लगाई डुबकी, मंत्रोच्चार के साथ की पूजा-अर्चना
मकर संक्रांति पर श्रद्धालु शहर के गलता तीर्थ के साथ-साथ पड़ोसी जिले अजमेर के पुष्कर पहुंचे और पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाई. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दिया और मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना भी की. इधर, युवाओं व बच्चों ने पतंगबाजी का आनंद लिया. शहर में मकर संक्रांति पतंगबाजी का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है. यहां विशेष रूप से परकोटे वाले शहर में इस त्योहार को लेकर जबरदस्त जुनून रहता है.
सुबह होते ही मैदानों व छतों पर पहुंच गये बच्चे और युवा
शनिवार को सुबह होते ही बच्चे और युवा घरों की छतों व खुले मैदानों में पहुंच गए. इसके बाद शहर के आसमान में रंग बिरंगी, अलग-अलग आकार की पतंगें नजर आने लगीं. पतंगों व मांझे की दुकानों के साथ-साथ गजक रेवड़ी व मूंगफली वाली दुकानों पर अच्छी भीड़ रही. हालांकि बाकी बाजार अपेक्षाकृत सूने रहे. लोगों ने त्योहार का जमकर आनंद लिया.
पतंगबाजी के बाद शाम में स्काई लाइट छोड़ते हैं बच्चे व युवा
पतंग विक्रेता उस्मान खान ने बताया कि पिछले साल की तुलना में पतंग थोड़ी महंगी हुई है. लेकिन, इससे बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि कागज से बने छोटे और गर्म हवा के गुब्बारे 'स्काई लालटेन' की भी पतंग की तरह ही मांग है. उन्होंने कहा कि शाम के समय उड़ाई जाने वाली स्काई लालटेन भी युवाओं व बच्चों में समान रूप से लोकप्रिय हो रही है. यह मकर संक्रांति पर पतंग प्रेमियों के लिए खरीदारी की आवश्यक चीज बन गई है. बच्चे व युवा दिनभर पतंगबाजी करने के बाद शाम को स्काई लाइट छोड़ते हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को दीं मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए इस पर्व को दिलों में सद्भाव की मिठास घोलने वाला बताया. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘मकर संक्रांति के पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं. सूर्यदेव की उपासना, उदारता, दान और धर्म परायणता का यह पर्व जीवन में उत्साह और उमंग का संचार बढ़ाता है. सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक पर्व सांस्कृतिक एकता और सद्भाव की मिठास दिलों में घोलता है.’’