Kota Crime: कोटा शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी को चाकू मारने के पीछे की वजह केवल रसमलाई अधिक नहीं देना बताया गया है. पुलिस को दुकान के कर्मचारी ने दी रिपोर्ट में बताया है कि बदमाश ने सवा किलो रसमलाई मांगी और पैसे एक किलो के दे रहा था. इससे मना करने पर वह आक्रोशित हो गया. हालांकि, उस समय तो वह वहां से चला गया. लेकिन, कुछ ही देर बाद लौट आया और पूरी दुकान में अफरातफरी मचा दी. एक के बाद एक चाकू मारते हुए तीन लोगों को जख्मी कर दिया. दुकान मालिक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस घटना से पूरे शहर में रोष व्याप्त है.


पूरा पुलिस महकमा जुटा और देर रात को ही पकड़ लिये आरोपी 
रतन कचौरी व नमकीन के मालिक रतन लाल सहित उनके दो कर्मचारियों को चाकू मारने वाले आरोपियों को नयापुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कोटा के एएसपी प्रवीण जैन ने बताया कि 22 जनवरी की रात करीब 9.30 के आस पास रतन कचौरी के मालिक रतन जैन, कर्मचारी महावीर मीणा और नरेश भील के साथ रसमलाई तोलने के विवाद को लेकर तीन बदमाश आ​सिफ उर्फ आमिर, शाहरूख उर्फ सफेदा उर्फ लेमन और अरबाज खान ने हत्या करने की नियत से हमला किया. 


एक किलो की कीमत पर मांग रहे थे सवा किलो रसमलाई
पुलिस ने बताया कि कर्मचारी नरेश कुमार भील निवासी नेगडिया जिला राजसमंद ने इलाज के दौरान बताया कि वह अपने सहकर्मी महावीर मीणा दोनों रतन कचौरी भंडार में काम कर रहे थे. इसी दौरान रात 9.30 बजे के आसपास की बात है. घटना के समय सेठ रतन जैन भी काउटर पर बैठे थे. इसी दौरान शाहरुख उर्फ सफेदा, अरबाज, आमिर उर्फ आसिफ तीनों दुकान पर आए और एक किलो रसमलाई मांगी. उसने एक किलो की जगह पर सवा किलो रसमलाई तोलने की बात कही.


मना करने पर किया हमला
आरोपितों ने कहा कि हम एक किलो रसमलाई के ही रुपए देंगे. इस पर सेठ जी और हमने बोला कि एक किलो के रुपए में एक किलो रसमलाई ही आएगी. सवा किलो रसमलाई लेनी हो तो रुपए भी सवा किलो के ही देने होंगे. यह सुन उन तीनों ने हमें गालियां देते हुए सेठ रतन जैन, महावीर मीणा और मुझे जान से मारने की नियत से चाकुओं से हमला कर दिया. तभी कमलेश और मनोज दौड़कर आए तो तीनों स्पलेंडर मोटरसाईकिल पर बैठ कर भाग गए.


पूर्व विधायक ने लगाया आरोप, गुंडों को मिला है सरकारी संरक्षण 
इधर, कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने हमले के बाद हॉस्पिटल पहुंचकर रतनलाल जैन से मुलाकात की और उनका हाल जाना. पूर्व विधायक ने कहा कि शहर की कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. अब तो आम आदमी अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर भी सुरक्षित नहीं है. शहर की कानून व्यवस्था का असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है.


ऐसा लगता है कि गुंडों को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है. पिछले चार साल में सरेआम चाकू, पिस्टल, गोली, हत्या, चोरी, लूटपाट व चेन स्नैचिंग की घटनाएं इस शहर में आम हो गई हैं. सरकार व पुलिस अपराधियों के सामने पंगु नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी अपने आप को घर के अंदर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. यह इस सरकार के लिए शर्म की बात है.


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