Udaypur Jungle Cycling:झीलों की नगरी उदयपुर प्रकृति की धनी है, यहां ऊंचे पहाड़, घने जंगल और हर तरफ पानी ही पानी है. इसी को लेकर यहां पर आए दिन कुछ न कुछ कार्यक्रम होते रहते हैं. ऐसे ने गुरुवार से साइकिल से तीन दिन तक जंगलों की सैर कराने का एक और कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. यह कार्यक्रम "पेडल टू जंगल" है, जो ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है. कार्यक्रम वन विभाग के सहयोग से ग्रीन पीपल सोसायटी के नेतृत्व में किया जा रहा है. साइकिल पर प्रकृति के तीन दिन के इस रोमांच में भाग लेने के लिए देशभर से साइकिलिस्ट आएंगे.


कब और क्या होगा कार्यक्रम जानिए
कार्यक्रम के संयोजक सेवानिवृत्त सीसीएफ राहुल भटनागर ने बताया कि इस बार "पेडल टू जंगल" का संस्करण गोरमघाट से शुरू होगा और मेवाड़ के मैराथन के रूप में लोकप्रिय दिवेर के विजय क्षेत्र पर समाप्त होगा. प्रतिभागियों को जंगली पहाड़ी रास्तों में साइकिल चलाने के साथ-साथ अरावली की हसीन वादियों के साथ मेवाड़-मारवाड़ के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से रूबरू कराया जाएगा. यात्रा की शुरुआत दो फरवरी को रश ऑवर राइड से होगी. इसके तहत सभी प्रतिभागी और उदयपुर साइकिल क्लब के प्रतिनिधि साइकिल से शहर का भ्रमण करेंगे. इसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले प्रतिभागियों को शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करवाना है. शाम सात से साढ़े नौ बजे तक संक्षिप्त कार्यक्रम में पीटीजी-6 का परिचय व खेल पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन किया जाएगा.


तीन फरवरी से शुरू होगी जंगल की सैर
अगले दिन 3 फरवरी को प्रतिभागी सुबह की चाय के बाद छह बजे बस से रवाना होकर पिटस्टॉप रेस्तरां खामलीघाट पहुंचेंगे. वहां अल्पाहार के बाद साइकिल के सफर की शुरुआत होगी. साइकिल प्रेमी पिपली, मेडिया, काछबली, गोमटाडा होते हुए गोरम पहुंचेंगे. कुछ देर विश्राम के बाद गोरम से शुरू होकर फुलाद, कामली चौराया काली घाटी होते हुए भीलबेरी होते हुए रेनिया डैम पहुंचेगे. रेनिया डेम पर कैम्पिंग और लंच और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा.


चार को स्कूली छात्रों से बात करेंगे साइकिल प्रेमी
चार फरवरी को यह सफर फिर रेनिया से शुरू होकर करवारा, खेड़ा, कल्याणपुरा और सीमल तक चलेगा, जहां साइकिल प्रेमी स्थानीय स्कूली छात्रों के साथ बातचीत करेंगे. इसके बाद वन ट्रैकिंग के लिए मैलीमाता जंबूमता पहुंचगे. यहां जंबूमता, सतपलिया युद्ध स्मारक व्यू पॉइंट और छापली होते हुए मेवो का मथारा (विजय स्थल) पहुचेंगे, जहां कैंपिंग और लंच के बाद भ्रमण व व्याख्यान होगा. पांच फरवरी को सुबह 9 बजे यह दल मेवों का मथारा से देवगढ़ के लिए रवाना होगा, जहां समापन समारोह होगा.


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